World Breastfeeding Week 2020: क्या कोविड-19 संक्रमित मां अपने शिशु को करा सकती है स्तनपान? आपको पता होनी चाहिए ये बातें
विश्व स्तनपान सप्ताह 2020 (Photo Credits: Pixabay)

World Breastfeeding Week 2020: एक नवजात (Newborn) के लिए मां के स्तन का दूध (Breast Milk) अमृत के समान होता है, इसलिए जन्म के बाद मां अपने शिशु को स्तनपान (Breastfeeding) कराती है. कहा जाता है कि मां का दूध शिशु की पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है और रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. हालांकि स्तनपान की सही जानकारी न होने के कारण शिशुओं में कुपोषण और संक्रामक रोग होने की संभावनाएं रहती हैं. शिशु के लिए मां के स्तनपान के महत्व से रूबरू कराने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है. इस साल पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से लड़ रही है. ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि क्या कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित मां अपने शिशु को दूध पिला सकती है?

मां के स्तन का दूध न सिर्फ शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि यह बच्चे में अस्थमा या एलर्जी के खतरे को भी कम करता है. कहा जाता है कि जिन शिशुओ को जन्म के बाद 6 महीने तक बिना किसी फार्मूले के स्तनपान कराया जाता है, उनमें संक्रमण और श्वसन संबंधी बीमारियां कम होती हैं, लेकिन कोविड-19 संक्रमित मां अपने बच्चे को दूध पिला सकती है या नहीं, इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने कुछ खास बातें बताई है. यह भी पढ़ें: Vertical COVID-19 Transmission: देश में मां से शिशु में वर्टिकल कोविड-19 संचरण का पहला मामला आया सामने, इलाज के बाद बच्ची को मिली पुणे के अस्पताल से छुट्टी

डब्ल्यूएचओ (WHO) की सिफारिशों के अनुसार, संदिग्ध या कोरोना पॉजिटिव माताओं को स्तनपान शुरू करने या जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही माताओं को यह परामर्श दिया जाना चाहिए कि स्तनपान के लाभ संक्रमण के संचरण के लिए संभावित जोखिमों को काफी कम कर देते हैं. डब्ल्यूएचओ का यह भी मानना है कि कोविड-19 से बचाव के सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मां और शिशु को साथ रहना चाहिए. खासकर जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराना चाहिए, चाहे मां या उसके शिशु में कोविड-19 की पुष्टि हुई हो या नहीं.

हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे स्थित ससून जनरल अस्पताल ने दावा किया था कि गर्भनाल के जरिए एक मां से उसके बच्चे में कोविड-19 के वर्टिकल ट्रांसमिशन का देश में पहला मामला सामने आया है. दरअसल, जब शिशु गर्भाशय में होता है तो वर्टिकल ट्रांसमिशन होता है. अगर मां संक्रमित है तो वायरस का संचरण प्लेसेंटा के जरिए होता है. यह एक ऐसा ऑर्गन है जो गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में विकसित होता है और गर्भ में पल रहे शिशु को ऑक्सीजन व पोषक तत्व प्रदान करता है.