कान की मदद से दिल की बीमारियों का पता लगाना हुआ आसान
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Instagram)

कान हमारे शरीर का वो अंग है जिससे हम हर बात, हर आवाज को आसानी से सुन पाते हैं. जबकि दिल इंसान के शरीर का इंजन है, जिसके बिना शरीर का चलना नामुमकिन है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कान और दिल के बीच इतना गहरा संबंध है कि किसी भी व्यक्ति के कान को देखकर उसके दिल की सेहत का हाल आसानी से जाना जा सकता है. आंकडों के अनुसार, भारत में हर साल करीब 17 लाख लोग दिल की बीमारियों के चलते मौत की आगोश में समा जाते हैं.

दरअसल, ज्यादातर मामलों में लोगों को दिल की बीमारियों का पता देरी से चलता है और समय पर इलाज न करा पाने की वजह से स्थिति गंभीर हो जाती है. लेकिन अब आपको अपने दिल की सेहत का हाल जानने के लिए ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप अपने कान की मदद से अपने दिल का हाल आसानी से जान सकते हैं.

888 मरीजों की केस स्टडी में हुआ खुलासा

महाराष्ट्र के जाने-माने डॉक्टर हिम्मतराव बावास्कर ने दिल और कान के बीच के इस कनेक्शन को जानने के लिए करीब 888 मरीजों की केस स्टडी की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि डायागनल इयरलोब क्रीज यानी कान के निचले हिस्से पर मौजूद तिरछी लकीर या सिकुड़न बताती है कि आपका दिल बीमार है और इस तरह की लकीर ज्यादातर 60 साल से अधिक की आयु वाले लोगों में दिखाई देती है. दरअसल, ये सभी मरीज यहां डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत लेकर पहुंचे थे.

इस केस स्टडी में यह पाया गया कि करीब 95 फीसदी इयर क्रीज वाले लोगों को इस्कीमिक हार्ट डिजीज था. उनके शोध की रिपोर्ट के अनुसार, 95 फीसदी लोग जिनके कान में गंदगी भरी होती है यानी जिन्हें कान की बीमारी होती है वो दिल की बीमारी से भी पीड़ित होते हैं. हालांकि कान और दिल के बीच कनेक्शन की यह थ्योरी पहली बार साल 1970 में अमेरिकन डॉक्टर सैंडर्स टी फ्रैंक के जरिए सामने आई थी.

कान और दिल के बीच कनेक्शन

कान की नसें शरीर की कई नसों से जुड़ी होती हैं और दिल की नसें भी उन्हीं नसों में शामिल हैं. ऐसे में कान के इयरलोब यानी कान के निचले हिस्से पर झुर्रियां या सिलवटें दिखाई देना सीधे तौर पर दिल से जुड़ी बीमारियों की तरफ इशारा करता है.

दिल के रोगों से जुड़े आम लक्षण

दिल से जुड़ी बीमारियां कोलेस्ट्रॉल बढ़ने, स्मोकिंग, अल्कोहल, तनाव, पारिवारिक इतिहास, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो सकती हैं. सीने में दर्द, एक या दोनों हाथों में दर्द, कमर, गर्दन, दिल की धड़कनों का अनियमित होना, जबड़े या फिर पेट में दर्द और बेचैनी महसूस होना इस रोग के आम लक्षण हो सकते हैं.