COVID-19: कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के फैलते ही डॉक्टरों ने सबसे ज्यादा एहतियात बरतने के लिए उन लोगों से कहा, जिनको सांस संबंधी बीमारी है. इसी बीच उन लोगों में भी डर समा गया, जिन्हें धूल व धुएं से एलर्जी है. उन्हें लगता है कि अगर उनको कोरोना का संक्रमण (Corona Infection) हुआ तो वो गंभीर रूप से बीमार (Seriously ill) पड़ सकते हैं. इस पर डॉक्टर की क्या राय है, यह जानना बेहद जरूरी है. यह भी पढ़ें: COVID-19 Facts: आपके मन में भी है कोरोना वायरस को लेकर ये सारे भ्रम, पढ़ें और अभी दूर करें
पीएचएफआई के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने इस बारे में बताया कि जिनको एलर्जी है, उनको और जिनको एलर्जी नहीं है, दोनों को संक्रमण एक समान होने की संभावना रहती है, लेकिन अगर किसी भी बीमारी की वजह से फेफड़े पहले ही खराब हो चुके हैं, उनको अगर कोविड-19 (COVID-19) हुआ तो वे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. नाक बहने वाली एलर्जी, खांसी, या छींक आने वाली एलर्जी वालों को बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है.
अगर घर में कोई संक्रमित हो गया है, तो क्या सावधानी बरतें? इस सवाल पर डॉ. रेड्डी ने बताया कि घर में अगर कोई संक्रमित है, तो संक्रमण फैलना, नहीं फैलना घर के वातावरण पर निर्भर करता है. जहां खुली हवा है, वेंटीलेशन अच्छा है, वहां वायरस ज्यादा देर टिकता नहीं है. अगर घर बंद रहता है, तो वहां मौजूद बाकी लोग संक्रमित हो सकते हैं. यह भी पढ़ें: COVID-19 Vaccine Updates: स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया- वैक्सीन आने पर उसकी कितनी खुराक दी जाएगी
हालांकि अगर एक व्यक्ति को कोरोना है, तो सभी को दूरी बनाकर रखना है और हां, मरीज की देखभाल बहुत जरूरी है. वहीं केवल पानी से हाथ धोने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे तो वायरस पानी से भी बह जाता है, लेकिन साबुन का अपना अलग काम होता है. साबुन का फेना वायरस की लेयर को कमजोर कर देता है और फिर वायरस त्वचा पर रुकता नहीं है, इसलिए साबुन से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी होता है. डब्ल्यूएचओ ने भी साबुन से ही हाथ धोने की सलाह दी है.