Goa Foundation Day 2023: 14 साल बाद मुक्ति, 26 साल बाद पूर्ण राज्य का दर्जा! क्यों करनी पड़ी गोवा को इतनी प्रतीक्षा?
Goa Foundation Day 2023 (Photo Credit: Team Latestly)

जब भी हमारा मन साफ-सुथरे बीच, शांत एवं सुरम्य जगहों पर जाने का करता है तो सबसे पहले हमारे मानस पटल पर गोवा की छवि उभरती है. गोवा अपने खूबसूरत बीचेज, नाइट लाइफ, वॉटर स्पोर्ट्स, फूड्स इत्यादि के लिए दुनिया भर में मशहूर है. इस राज्य पर पहले पुर्तगालियों का उपनिवेश था. यहां उन्होंने 451 सालों तक शासन किया. 19 दिसंबर 1961 में भारत सरकार ने गोवा को पुर्तगालियों से बलपूर्वक आजाद करवाया. लेकिन इसे 26 साल बाद 30 मई 1987 को भारतीय गणराज्य का 25 वां स्वतंत्र राज्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ. आखिर क्यों इतनी लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी गोवा को स्वतंत्र राज्य बनने के लिए.. आइये जानते हैं विस्तार से यह भी पढ़ें: Relationship Guide: नाजुक डंपिंग टू बेंचिंग, डेटिंग की ये 5 नई शर्तें, जिसे आपको भी जानना और समझना जरूरी है!

 

गोवा स्थापना दिवस का इतिहास

15 अगस्त 1947 में जब देश को आजादी मिली थी, तब भारत सरकार ने पुर्तगालियों से गोवा को मुक्त करने का अनुरोध किया, लेकिन पुर्तगालियों ने उस अपील को खारिज कर दिया था, राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारतीय नौसेना, वायु सेना एवं थल सेना ने ऑपरेशन विजय चलाकर 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगालियों से मुक्त कराया. 20 दिसंबर 1962 में दयानंद भंडारकर गोवा के पहले मुख्यमंत्री बने. इस उपलक्ष्य में 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है, और 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. इस तरह गोवा भारतीय गणराज्य का 25 राज्य बना.

ऐसे मिली पुर्तगालियों से गोवा को छुटकारा

भारत को पूर्ण आजादी मिलने के साथ ही ब्रिटेन और फ्रांस के सभी कोलोनियल राइट्स के खत्म हो गया था, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप गोवा, दमन और दीव पर पुर्तगालियों का शासन बरकरार था. भारत सरकार की तमाम कोशिशों को पुर्तगाली प्रशासन द्वारा ठुकराने के बाद भारत सरकार ने 2 दिसंबर को ‘गोवा मुक्ति’ मिशन के तहत शुरू किया. अपने तीनों सैन्य बलों भारतीय वायुसेना, थल सेना एवं भारतीय नौसेना के साथ 8 और 9 दिसंबर 1961 को पुर्तगालियों के ठिकाने पर निरंतर बमबारी की और ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. 19 दिसंबर 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मेन्यू डि सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस तरह 451 सालों से चली आ रही गोवा पर उपनिवेश शासन को जड़ से समाप्त किया. तभी से 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया गया, जिसकी परंपरा आज भी निभाई जाती है.

26 साल प्रतीक्षा के बाद गोवा बना भारत का 25वां स्वतंत्र राज्य

गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने के बाद इसे महाराष्ट्र में शामिल करने की लंबी जद्दोजहद चली. जनमत संग्रह के द्वारा गोवा के निवासियों ने गोवा को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रखने की सिफारिश की. तब भारत सरकार ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम, के तहत 1960 में महाराष्ट्र को स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया. अब गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा पाने के रास्ते खुल गये थे. लिहाजा 30 मई 1987 को गोवा को देश का 25वां स्वतंत्र राज्य घोषित किया गया. जबकि दमन-दीव केंद्र शासित प्रदेश ही बने रहे. गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद पणजी को गोवा की राजधानी बनायी गयी, तथा कोकणी को राजभाषा का दर्जा दिया गया.