Chhatrapati Sambhaji Maharaj Jayanti 2024 Wishes in Marathi: संभाजी महाराज की जयंती पर  इन मराठी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
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Chatrapati Sambhaji Maharaj Jayanti 2024 Wishes in Marathi: छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे और हिंदवी स्वराज के दुसरे छत्रपति संभाजी महाराज इन्हें शौर्य और स्वाभिमान के प्रतिक के रूप में माना जाता है. छत्रपति संभाजी राजा की 14 मई को जयंती मनाई जाती है. संभाजी महाराज ने अपने पिता की तरह ही अपने जीवनकाल में कई पराक्रम किए थे. पुणे जिले के पुरंदर किले पर 14 मई 1657 में छत्रपति शिवाजी महाराज और सईबाई इनके घर महाराज संभाजी का जन्म हुआ था. बचपन में ही उनके सिर से मां का साया उठ गया था . उसी समय से मां जिजाऊ ने संभाजी महाराज को संभाला और उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही शस्त्र चलाने में निपुण बनाया. आपको जानकर हैरानी होगी की केवल 15 वर्ष की उम्र में संभाजी महाराज को 13 भाषाओं का ज्ञान था.

जिसमें मराठी,संस्कृत ,हिंदी और पोर्तुगीस भाषा शामिल थी. उन्होंने अपनी उम्र के 14वें वर्ष  में ' बुधभूषण -राजनीति ' नाम का एक संस्कृत ग्रन्थ भी लिखा था. इसके साथ -साथ 'नायिकाभेद ,नखशिखा ,सातशतक इन ग्रंथो को भी उन्होंने लिखा. ब्रजभाषा में उन्होंने इन ग्रंथो की रचना की थी. छत्रपति संभाजी महाराज का राज्याभिषेक 16 जनवरी 1681 में हुआ था. राजे संभाजी ने राजनीति , समाजनीति ,अर्थनीति ,धर्मनीति जैसे अनेक क्षेत्रों में अपनी काबिलियत दिखाई थी. यह भी पढ़े :Ganga Saptami 2024: ‘गंगा सप्तमी’ पर मोक्ष-दायिनी ‘गंगा’ पर कोट्स के जरिये भेजें अपनी शुभकामनाएं!

छत्रपति शिवाजी महाराज ने संभाजी महाराज का विवाह जीवूबाई के साथ करवाया था. बाद में जीवूबाई को येसूबाई के नाम से जाना जाने लगा. आज पुरे देश में छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह ही छत्रपति संभाजी महाराज भी पूजनीय है. खासकर महाराष्ट्र में तो महाराज के लाखों अनुयायी है. ऐसे में छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती के अवसर पर आप इन मराठी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपने प्रियजनों को इसकी शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1 .जंगलात सिंहासमोर जाणारे भरपूर होते,

पण सिंहाचा जबडा फाडणारा एकच होता.

स्वराज्याचं धाकले धनी शंभुराजे,

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या स्मृतीस त्रिवार वंदन!

2. पाहुनी शौर्य तुझपुढे, मृत्यूही नतमस्तक झाला,

स्वराज्याच्या मातीसाठी, माझा शंभू अमर झाला,

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या स्मृतीस त्रिवार वंदन!

3. कोंढाण्यासाठी तानाजी गेला,

घोडखिंडीसाठी समोर बाजी आला,

महाराष्ट्र धर्म वाढवण्यासाठी,

स्वराज्य रक्षक संभाजी झाला,

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या स्मृतीस त्रिवार वंदन!

4. शृंगार होता संस्कारांचा, अंगार होता हिंदवी,

स्वराज्याचा, शत्रूही नतमस्तक होई जिथे,

असा पुत्र होता आमच्या छत्रपती शिवरायांचा,

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या स्मृतीस त्रिवार वंदन!

5. हिमालयाएवढे शौर्य असलेले महापराक्रमी,

छत्रपती संभाजी महाराज यांच्या स्मृतीस त्रिवार वंदन!

छत्रपति संभाजी महाराज ने अपने जीवनकाल में कुल 150 युद्ध लड़ें थे. इन सभी युद्धों में वे विजयी हुए थे. जिसके कारण एक भी युद्ध न हारनेवाले योद्धा के रूप में उनकी पहचान है. लेकिन एक की गद्दारी के कारण छत्रपति संभाजी को औरंगजेब ने कैद कर लिया. इस दौरान उनपर 40 दिनों तक उनपर जुल्म किए गए और उन्हें यातनायें दी गई, और उनपर धर्मांतर करने के लिए दबाव डाला गया. लेकिन छत्रपति संभाजी ने आखरी सांस तक धर्म को लेकर अपनी निष्ठा नही छोड़ी. आखिकार महाराज 11 मार्च 1689 को वीरगति को प्राप्त हुए.