GirlsDoPorn.com पर बिना सहमति के XXX वीडियो अपलोड करने का मामला, 22 महिलाओं ने जीता केस, मिली 13 मिलियन डॉलर की धनराशि
पोर्न क्लिप/ प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

GirlsDoPorn.com द्वारा अश्लील वीडियो बनाने के लिए मजबूर करीब 22 महिलाओं को बड़ी जीत मिली है. बिना सहमति महिलाओं के वीडियो को पोर्न वेबसाइट पर डालने के खिलाफ चल रहे मुकदमे में इन महिलाओं को जीत मिली है और उन्हें करीब 13 मिलियन डॉलर की धनराशि दी गई है. सैन डिएगो (San Diego) स्थित पोर्नोग्राफिक वेबसाइट (Pornographic Website) पर कथित तौर पर महिलाओं को पोर्न में दिखाने के लिए मुकदमा दायर किया गया था. बताया जा रहा है कि इस पोर्न वेबसाइट के मालिक माइकल प्रैट (Michael Pratt), वीडियोग्राफर मैट्यू वोल्फ (Mattew Wolfe) और पोर्न एक्टर रुबेन आंद्रे गार्सिया (Ruben Andre Garcia) पर 22 से ज्यादा महिलाओं के साथ धोखा करने और बिना उनकी सहमति के इंटरनेट पर उनकी तस्वीरे अपलोड करने का आरोप था. धोखाधड़ी का यह मुकदमा करीब चार महीने तक चला और सैन डिएगो सुपीरियर कोर्ट (San Diego Superior Court) के जज केविन एनराइट (Kevin Enright) ने पीड़ित महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया.

महिलाओं को सामूहिक रूप से प्रतिपूरक नुकसान के लिए 9.45 डॉलर और दंडात्मक नुकसान के लिए 3.3 मिलियन डॉलर की धनराशि प्रदान की गई. इसके साथ ही पोर्न वेबसाइट और पोर्न वीडियो में दिखाई गई महिलाओं की उन तस्वीरों के स्वामित्व का अधिकार भी दिया गया. इतना ही नहीं कोर्ट ने उन महिलाओं के पोर्न वीडियो को भी इंटरनेट से हटाने का आदेश दिया. बता दें कि अदालत में गवाही देते समय वेबसाइट के एक वीडियोग्राफर ने महिलाओं से झूठ बोलने की बात को स्वीकार किया.

दरअसल, महिलाओं से यह वादा किया गया था कि उनके वीडियो को ऑनलाइन नहीं दिखाया जाएगा और उनके XXX वीडियो के डीवीडी को सिर्फ निजी संग्राहकों को बेचे जाएंगे, लेकिन महिलाओं की अनुमति के बिना ही उनके एडल्ट वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया. यह भी पढ़ें: स्मार्टफ़ोन पर XXX पोर्न वीडियो देखने में भारत पहले नंबर पर, अमेरिका को छोड़ा पीछे, पोर्नहब ने किया खुलासा

ला टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जज ने कहा कि नेचर ऑफ वर्क के बारे में महिलाओं को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने जानबूझकर भ्रामक विज्ञापनों और वेबसाइटों का इस्तेमाल किया. वेबसाइट से जुड़े लोगों ने काम के लिए महिला आवेदकों को आकर्षिक करने के लिए जाल फैलाया. मामले की सुनवाई के दौरान महिलाओं से धोखाधड़ी और उनके उत्पीड़न को लेकर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट को पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया गया.