Ganesh Jayanti 2022: माघ मास में बन रहे हैं गणेशजी के दो व्रतों के साथ दो महायोगों का संयोग! जानें इसका महत्व, पूजा विधि एवं मंत्र!
माघी गणेश जयंती 2022 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक ग्रंथों में माघ मास को मोक्ष माह के रूप में उल्लेख किया गया है. मान्यता है कि इस माह गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है. इस माह की श्रेष्ठता तब और बढ़ जाती है, जब इसी माह की एक ही तिथि में भगवान श्रीगणेश के दो व्रत के योग बन रहे हों. आइये जानें इस संदर्भ में विस्तार से…

हिंदू पंचांग के 11वें माह यानि माघ मास को श्रीहरि एवं सूर्यदेव की पूजा का महीना माना जाता है, लेकिन इस बार एक ही तिथि में भगवान श्रीगणेश को समर्पित दो महत्वपूर्ण व्रत भी पड़ रहे हैं.

गणेश जयंती पर इस बार विशेष संयोग!

ज्योतिष शास्त्री पंडित अमित मिश्र के मुताबिक इस वर्ष (2022) गणेश जयंती पर काफी शुभ संयोग बन रहे हैं. इस बार गणेश जयंती रवि योग और शिव योग में मनाई जाएगी. 04 फरवरी (शुक्रवार) 2022 की शाम 07.10 बजे तक शिव योग रहेगा, जबकि प्रात: 07.08 बजे से शुरू होकर दोपहर 03.58 बजे तक रवि योग रहेगा. इसके तहद एक सकट चौथ व्रत रखा जायेगा, वहीं इसी दिन गणेश जयंती भी मनाई जायेगी. ये दोनों आध्यात्मिक पर्व विशेष रूप से रूप से उत्तर भारत के राज्यों में मनाई जाती है. मान्यता है कि सभी कष्टों और एवं धनाभाव को दूर करने तथा संतान लाभ के लिए सकट चौथ का व्रत रखा जाता है, जबकि इसी दिन भगवान श्रीगणेश के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में गणेश जयंती भी मनाई जाती है. हिंदू पुराण के अनुसार गणेशजी का जन्म माघ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था. कहते हैं कि गणेश जयंती के दिन व्रत रखने और गणेशजी की जन्म कथा सुनने sए सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यह भी पढ़ें : Magh Navratri 2022 Wishes: माघ नवरात्रि के शुभ अवसर पर ये हिंदी विशेज HD Images और Wallpapers के जरिए भेजकर दें बधाई

गणेश जयंती पर ऐसे करें पूजा-अर्चना!

माघ मास शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान के बाद गणेशजी का ध्यान करें, और अपने घर के मंदिर की सफाई कर, मंदिर के सभी देवी-देवताओं पर गंगाजल छिड़ककर मंदिर को पीले फूलों से सजायें. एक स्वच्छ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेशजी की प्रतिमा रखें. अब धूप दीप प्रज्ज्वलित कर गणेश जी का आह्वान के लिए ये मंत्र पढ़ें.

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात्

इसके पश्चात गणेशजी को सिंदूर, पान, सुपारी, लाल पुष्प और दूर्वा अर्पित करते हुए 21 लड्डू चढ़ाएं. गणेश चालीसा और गणेशजी की आरती उतारने के बाद प्रसाद को गरीबों को बांट दें.

गणेश जयंती (4 फरवरी, शुक्रवार 2022) शुभ मुहूर्त!

शुक्लपक्ष चतुर्थी प्रारंभ: 04.38 AM (4 फरवरी, शुक्रवार 2022) से

शुक्लपक्ष चतुर्थी समाप्त: 03.47 AM (5 फरवरी, शनिवार 2022) तक

गणेश जयंती (4 फरवरी 2022) की पूजा का शुभ मुहूर्त!

11.30 AM से 01.41 PM

पूजा की कुल अवधि

2 घंटे 11 मिनट