सूर्य पूजा, दान-पुण्य एवं तिल गुड़ के इस पर्व पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग? जानिये इसके पीछे की धार्मिक कथा साथ ही वैज्ञानिक तर्क भी!
मकर संक्रांति मुख्यतः सूर्य-स्नान एवं तिल-गुड़ का पर्व माना जाता है. इस दिन लोग मान्यतानुसार पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों को धोते हैं, सूर्य-पूजा एवं दान-पुण्य आदि करते हैं, बहुत सी जगहों पर इसे फसलों का पर्व के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन इस दिन जो बात चौंकाती है वह है रंग बिरंगी पतंगबाजी. इस दिन पूरा आकाश रंग-बिरंगे एवं विभिन्न डिजाइनों वाले पतंगों से पटा पड़ा रहता है. अहमदाबाद या वाराणसी ही नहीं, बल्कि देश के तमाम शहरों में पतंगबाजी की बड़े स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है. आखिर इस दिन पतंग उड़ाने का क्या तर्क हो सकता है? आइये जानें इस संदर्भ में एक रोचक धार्मिक कथा साथ ही वैज्ञानिक तर्क भी.
पतंग उड़ाने की धार्मिक कथा
तमिल में लिखित तन्नाना रामायण के अनुसार मकर संक्रांति के दिन त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने पतंग उड़ाई थी. मान्यता है कि उस पतंग को स्वर्गलोक में इंद्र-पुत्र जयंत की पत्नी ने पकड़ ली. जयंत-पत्नी ने सोचा कि जिसकी पतंग इतनी खूबसूरत है, वह स्वयं कितना सुंदर होगा. श्रीराम के आदेश पर हनुमान जी पतंग का पता लगाने जयंत पत्नी के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा मुझे श्रीराम के दर्शन करने हैं. कहते हैं कि हनुमानजी ने श्रीराम का ध्यान किया और जयंत की पत्नी की मंसा बताई. श्रीराम ने कहा वह मुझे चित्रकूट में मिल सकती हैं. जयंत पत्नी ने पतंग छोड़ दी. श्रीराम ने पतंग उतारी और घर आ गये. मान्यतानुसार उसी पूर्णिमा की रात्रि में जयंत की पत्नी अपनी सखियों के साथ श्रीराम का दर्शन करने चित्रकूट आईं और भावविभोर हो उन्हें प्रणाम किया. तभी से मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा शुरू हुई. यह भी पढ़ें : Lohri 2023 Wishes: लोहड़ी की अपने प्रियजनों को इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
वैज्ञानिक तर्क
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे वैज्ञानिक मान्यता भी है. दरअसल इन दिनों सर्दी अपनी चरम पर होती है. वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पतंगबाजी की परंपरा इसलिए शुरू की गई थी, ताकि लोगों को सूरज के संपर्क में लाया जा सके, जिससे उन्हें सर्दी से होने वाली मौसमी बीमारी से छुटकारा मिल सके. सूर्य की किरणें विशेष रूप से सुबह जल्दी या दोपहर के समय विटामिन-डी का एक अच्छा स्रोत होती है, जो शरीर में इम्यूनिटी बूस्ट करती हैं. इसके अलावा पतंगबाजी से शरीर की अच्छी कसरत हो जाती है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा संचरित होती है, जो तमाम बीमारियों को खत्म करती है.