World AIDS Day 2023 Slogans: लाइलाज व गंभीर बीमारी एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) के प्रति दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस यानी वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. दरअसल, एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ा हुआ है, जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है. असुरक्षित यौन संबंध के अलावा यह गंभीर बीमारी कई और तरीकों से फैल सकती है. कई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि दुनियाभर में एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) संक्रमण को लेकर लोगों में कई सारी गलतफहमियां हैं, ऐसे में इस बीमारी को लेकर लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके और लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें, इसलिए 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है.
एड्स, एचआईवी वायरस के संक्रमण से होने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर, शरीर के संक्रमण और बीमारी से लड़ने की क्षमता को काफी कमजोर कर देती है. एसटीआई के अलावा यह संक्रमण संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति को लगे इंजेक्शन का उपयोग करने, संक्रमित मां से उसके बच्चे में फैल सकता है. वर्ल्ड एड्स डे के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी स्लोगन, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस, मैसेजेस, एसएमएस, वॉट्सऐप स्टेटस के जरिए इस लाइलाज बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में अपना योगदान दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: World AIDS Day 2023 Quotes: विश्व एड्स दिवस पर इन हिंदी Slogans, Facebook Messages, WhatsApp Stickers, Photo SMS के जरिए फैलाएं जागरूकता
1- रिश्ते के प्रति रहें वफादार,
नहीं बनेंगे एड्स के भागीदार.
वर्ल्ड एड्स डे
2- आज से तुम खाओ कसम,
सुरक्षित बनाओ यौन संबंध.
वर्ल्ड एड्स डे
3- एड्स पीड़ितों का हौसला बढ़ाएं,
इस बीमारी से पीड़ित को उपचार बताएं.
वर्ल्ड एड्स डे
4- विश्व एड्स दिवस पर है यही नारा,
एड्स रहित हो देश हमारा...
वर्ल्ड एड्स डे
5- न साथ रहने से फैलेगा न ही छूने से फैलेगा,
एचआईवी/एड्स तो सिर्फ असावधानी से फैलेगा.
वर्ल्ड एड्स डे
बता दें कि एचआईवी से संक्रमित होने के करीब 2 से 4 सप्ताह के भीतर फ्लू जैसी बीमारी विकसित होने लगती है. इससे संक्रमित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले में खराश, मुंह में घाव और वजन घटने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. शुरुआत में ये लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोगों का इस पर ध्यान नहीं जाता है, लेकिन समय के साथ-साथ यह रोग और इसके लक्षण गंभीर रूप लेने लगते हैं.
हालांकि अभी तक इस संक्रमण को खत्म करने या इसे रोकने का कोई कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में इसके उपचार के ट्रायल का जिक्र मिलता है, बावजूद इसके इसे लाइलाज बीमारी ही माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि एचआईवी संक्रमण से बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है.