Surya Grahan 2023: शरद पूर्णिमा के दिन 16 कलाओं से युक्त अपने पवित्र किरणों से पृथ्वी को दिव्यमान करने वाला चंद्रमा इस बार ग्रहण ग्रस्त रहेगा. कुछ राशि वाले इसे देखने से भी वंचित रहेंगे. वहीं शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा-अनुष्ठान सूतक काल को ध्यान में रख कर करना होगा. पंडित संजय शुक्ला के अनुसार यह ग्रहण रात 11.30 बजे से देर रात 02.24 बजे तक रहेगा, और सूतक काल सायंकाल 04.05 बजे से 02.40 बजे तक रहेगा. ऐसे में माँ लक्ष्मी को अर्पित करने वाली खीर ग्रहण शुरू होने से पूर्व बना कर उसमें तुलसी पत्ता और कुश डालकर रखना चाहिए. सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. यहां बात करेंगे आखिर ग्रहण के खाने में तुलसी पत्ता क्यों डाला जाता है. आइये जानते हैं इस संदर्भ में विस्तार से. यह भी पढ़े: Surya Grahan 2023: कब है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण? जानें सूतक काल, टाइमिंग और इस खगोलीय घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
तुलसी पत्ते पर आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तर्क
ज्योतिष शास्त्री संजय शुक्ला के अनुसार सनातन धर्म में तुलसी का पत्ता बेहद पवित्र माना गया है. तुलसी के बारे में पद्म पुराण, ब्रह्मवैवर्त, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण एवं गरुड़ पुराण में कई विशेषताएं वर्णित है. यह जिस भी वस्तु में डाला जाता है, उसमें निहित नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं, यानी जिस चीज में तुलसी का पत्ता मौजूद होता है, उससे चीज अशुद्ध नहीं होने पाती. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी माना गया है कि तुलसी के पत्ते में पारा और ऐसे आर्सेनिक गुण उपस्थित होते हैं, जो वातावरण में व्याप्त प्रदूषित वायु अथवा किरणों को शुद्ध करते हैं, इसके अलावा भी तुलसी पत्ते में ऐसे कई औषधीय गुण होते हैं, जो सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. इसलिए ग्रहण अथवा सूतक काल में खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी का पत्ता डाला जाता है. इससे खाने-पीने की वस्तुएं ग्रहण काल के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रहती हैं.
सूतक लगने से पूर्व तोड़ लें तुलसी पत्ता
ग्रहण काल अथवा अमावस्या तिथि में तुलसी को स्पर्श करना भी वर्जित है, क्योंकि इसलिए 28 तारीख को सूतक काल (सायंकाल 04.02 बजे) लगने से पूर्व ही तुलसी पत्ता तोड़ कर रख ले, और सूतक लगने से पूर्व घर में बने हुए खाद्य पदार्थ अथवा पेय पदार्थों (दूध, दही आदि) में तुलसी पत्ता डालकर उसे अच्छे से ढक कर रखें, ताकि ग्रहण काल की नुकसानदेह किरणें खाद्य पदार्थों को प्रदूषित नहीं करें
ग्रहण काल में तुलसी से जुड़े आवश्यक नियम
चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी की ना पूजा करें और ना ही इसे स्पर्श करें
ग्रहण काल में तुलसी पर जल भी नहीं चढ़ाएं
तुलसी के सामने दीप प्रज्वलित नहीं करें,
ग्रहण काल में तुलसी को हाथ लगाना अशुभ माना जाता है.