Vaikuntha Chaturdashi 2023 HD Images: वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi) को एक पवित्र दिन माना जाता है, जो कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (14वें दिन) को मनाया जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है. यह दिन 25 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, वैकुंठ चतुर्दशी के इस शुभ दिन पर भगवान शिव और भगवान विष्णु की एक ही दिन एक साथ पूजा की जाती है. वाराणसी के अधिकांश मंदिर वैकुंठ चतुर्दशी मनाते हैं. वाराणसी के अलावा, वैकुंठ चतुर्दशी ऋषिकेश, गया और हरिद्वार सहित पूरे भारत में मनाई जाती है. मान्यता है कि इस शुभ दिन पर भगवान शिव को तुलसी पत्र और भगवान विष्णु को बेल पत्र चढ़ाया जाता है. इस शुभ दिन पर बड़ी संख्या में लोग गंगा नदी पर पवित्र स्नान करने के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर जाते हैं. यह भी पढ़ें: Vaikuntha Chaturdashi 2023 Date: साल का सबसे पवित्र दिन है वैकुण्ठ चतुर्दशी! जब शिवजी-विष्णु की होती है संयुक्त पूजा और उत्सव! जानें शुभ मुहूर्त
कार्तिक चतुर्दशी का दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु ने वाराणसी में भगवान शिव की पूजा की थी, जैसा कि शिव पुराण में वर्णित है. बाद में विष्णु ने शिव को हजारों कमल भेंट किये. इस दौरान एक हजारवां कमल गायब हो गया. भगवान् विष्णु को कमल नयन कहा जाता है इसलिए विष्णु जी ने अपनी एक आंख को हजारवें कमल के रूप में शिवजी को चढ़ा दी. विष्णु की भक्ति के परिणामस्वरूप, शिव ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया. बाद के समय में इसे विष्णु के सबसे शक्तिशाली हथियार के रूप में प्रतिष्ठित हुआ. वैकुंठ चतुर्दशी की आधी रात को, भक्त एक हजार कमल वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं.
वैकुंठ चतुर्दशी का हिंदू धर्म मे विशेष महत्व बताया जाता है. इस अवसर पर शिव और श्रीहरि की उपासना करने के अलावा भक्त एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. बैकुंठ चतुर्दशी के पावन पर्व पर आप अपने प्रियजनों को भगवान विष्णु के आकर्षक इमेजेस, विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
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वाराणसी में मणिकर्णिका घाट वह जगह है जहां अरुणोदय के दिन हर सुबह जल्दी उठने वाले भगवान शिव के उपासक जाते हैं. कार्तिक चतुर्दशी पर, उपासक एक अनुष्ठान स्नान करते हैं जिसे मणिकर्णिका स्नान कहा जाता है. इस दिन वाराणसी में एक शिव मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन वैकुंठ के समान पवित्र, विश्वनाथ मंदिर आरंभ करने के लिए एक महान स्थान है.