Swami Vivekananda Quotes in Hindi: हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) मनाई जाती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के तौर पर भी मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था और बचपन में उन्हें नरेंद्रनाथ दत्त के नाम से जाना जाता था. अधिकांश लोगों का मानना है कि उन्हें स्वामी विवेकानंद नाम उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था, लेकिन ऐसा नहीं है. बताया जाता है कि एक बार स्वामी जी को अमेरिका जाना था, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे, ऐसे में उनका सारा खर्च राजपूताना के खेतड़ी नरेश ने उठाया था और उन्होंने ही नरेंद्रनाथ दत्त को स्वामी विवेकानंद नाम दिया था. इसका उल्लेख फ्रांसिसी लेखक रोमां रोलां की किताब 'द लाइफ ऑफ विवेकानंद एंड द यूनिवर्सल गोस्पल' में मिलता है. कहा जाता है कि सन 1891 में शिकागो में आयोजित विश्वधर्म संसद में जाने के लिए ही खेतड़ी नरेश के कहने पर उन्होंने यह नाम स्वीकार किया था.
शिकागों में आयोजित धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण से हर किसी का दिल जीत लिया था और उनके भाषण के बाद 2 मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो तालियों से गूंजता रहा और यहीं से उन्हें एक अलग पहचान मिली. स्वामी विवेकानंद आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. ऐसे में उनकी जयंती पर आप स्वामी जी के इन 10 महान विचारों से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.
1- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
2- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
3- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
4- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी.
5- सभी शक्तियां आपके अंदर हैं, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं.
6- संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से आगे निकल जाना.
7- हम जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं.
8- दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा दिल की सुनो.
9- जब तक जीवन है, तब तक सीखते रहो, क्योंकि अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
10- उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
बताया जाता है कि स्वामी विवेकानंद बचपन से ही योगियो के स्वभाव वाले थे और उनका मन हमेशा ध्यान और अध्ययन में लगा रहता था. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था, जो पेशे से एक वकील थे और उनका माता का नाम भुवनेश्वरी था जो एक गृहिणी थीं. स्वामी विवेकानंद को युवावस्था में ही दमा और शुगर जैसी बीमारियां हो गई थीं और खुद उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि वो 40 वर्ष तक भी नहीं जी पाएंगे. उनका निधन महज 39 साल की उम्र में 4 जुलाई 1902 को हो गया था.