Sita Navami 2020 Wishes & Images: सीता नवमी पर प्रियजनों को इन मनमोहक हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Photos, Facebook Messages, Wallpapers के जरिए दें बधाई
सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

Sita Navami 2020 Wishes In Hindi: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Lord Ram) की पत्नी माता सीता (Mata Sita) के जीवन से आज भी मानव जीवन को त्याग, बलिदान और समर्पण भाव की प्रेरणा मिलती है. मिथिला के राजा जनक की पुत्री सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिवस को सीता नवमी (Sita Navami) और जानकी नवमी (Janaki Navami) के तौर पर मनाया जाता है. मान्यता है कि देवी सीता माता लक्ष्मी का अवतार हैं, जिनका विवाह भगवान विष्णु के सातवें अवतार और राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम से हुआ था. विवाह के बाद श्रीराम के साथ माता सीता को 14 साल का वनवास भी झेलना पड़ था.

सीता नवमी हिंदू धर्म की आस्था के अनुसार एक महत्वपूर्ण पर्व है. इस दिन माता सीता के साथ भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सीता नवमी या जानकी नवमी के इस शुभ अवसर पर आप इन मनमोहक हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी फोटोज, फेसबुक मैसेज, वॉलपेपर्स के जरिए अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को बधाई (Happy Sita Navami) दे सकते हैं.

1- सीता नवमी की शुभकामनाएं

सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

2- शुभ सीता नवमी

सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी सीता नवमी

सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

4- सीता नवमी की बधाई

सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

5- आप सभी को सीता नवमी की ढेरों शुभकामनाएं

सीता नवमी 2020 (Photo Credits: File Image)

सीता के प्राकट्य से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि मिथिला में एक बार भयंकर सूखा पड़ गया था. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें ऋषियों ने यज्ञ करने और यज्ञ समाप्त होने के बाद धरती पर हल चलाने के लिए कहा. जब राजा जनक हल चला रहे थे, तभी अचानक उन्हें धरती से सोने का एक संदूक मिला, जिसमें मिट्टी में लिपटी हुई सुंदर कन्या दिखी. राजा जनक ने जब उस कन्या को अपनी गोद में लिया तो उन्हें पिता प्रेम की सुखद अनुभूति हुई और उन्होंने उस कन्या को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार करते हुए उन्हें सीता नाम दिया.