Shubh Lakshmi Pujan 2023 Wishes in Hindi: बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत के पर्व दिवाली (Diwali) को पांच दिनों तक देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras) से होती है और समापन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज (Bhai Dooj) को होता है. इस पांच दिवसीय दीपोत्सव (Deepotsav) का सबसे प्रमुख पर्व दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) होता है, जिसे कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल 12 नवंबर 2023 को लक्ष्मी पूजन का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन धन व ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-गणेश के पूजन से घर-परिवार में सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य का आगमन होता है. कहा जाता है कि दीपावली की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं.
दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग अपने घरों के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं. दीयों से घर-आंगन को रोशन करते हैं, तरह-तरह के पकवानों का लुत्फ उठाते हैं और आतिशबाजी करके इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, साथ ही इसकी बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, एसएमएस को भेजकर दीपावली पर अपनों को शुभ लक्ष्मी पूजन कह सकते हैं.
1- दीयों की रोशनी से मिले प्रकाश खुशियों का,
अपार संपत्ति और मिले मन की शांति,
लक्ष्मी पूजन के इस पावन पर्व पर,
खुल जाए आपकी किस्मत का हर ताला.
शुभ लक्ष्मी पूजन
2- दीपावली के इस पावन दिन,
मां लक्ष्मी भेज रही हैं सुख-समृद्धि,
सच्ची निष्ठा से करें मां की पूजा,
वही जीवन में सब कुछ करेंगी ठीक.
शुभ लक्ष्मी पूजन
3- आपको लक्ष्मी पूजन की बहुत-बहुत बधाई,
प्रियजन और दोस्त सदा रहें आपके करीब,
मां लक्ष्मी आपकी हर परेशानी करें दूर,
लक्ष्मी पूजन आपके लिए हो शुभ फलदायी.
शुभ लक्ष्मी पूजन
4- लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार,
जीवन में आए खुशियां आपार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार.
शुभ लक्ष्मी पूजन
5- नव दीप जले नव फूल खिले,
आपको नित नई बहार मिले,
दीपावली के पावन अवसर पर,
आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिले.
शुभ लक्ष्मी पूजन
बहरहाल, दीपावली यानी दिवाली से जुड़ी प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम चौदस वर्ष के वनवास को पूर्ण कर माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे. मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के आगमन की खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी को घी के दीयों से रोशन किया था. माना जाता है कि तभी से दीपावली मनाने की यह परंपरा निभाई जा रही है. यह हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसका देशवासियों को हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है.