Roop Chaudas 2025 Messages in Hindi: दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार होता है. दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जबकि दिवाली से ठीक एक दिन पहले रूप चौदस (Roop Chaudas) मनाई जाती है, जिसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), काली चौदस (Kali Chaudas), भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) और छोटी दिवाली (Choti Diwali) के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रूप चौदस का पर्व मनाया जाता है. इस साल 19 अक्टूबर 2025 को नरक चतुर्दशी मनाई जा रही है, जबकि उदयातिथि के अनुसार रूप चौदस का अभ्यंग स्नान 20 अक्टूबर 2025 को सुबह के समय होगा. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाले रूप चौदस पर सुंदरता का वरदान पाने के लिए ‘ॐ ह्रीं सौन्दर्यं देहि कामेश्वराय ॐ नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. इस दिन उबटन लगाने के अलावा शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान करना भी शुभ माना जाता है.
रूप चौदस पर अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए लोग सूर्योदय से पहले उठकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद और दूध से बना उबटन अपने शरीर पर लगाते हैं, फिर स्नान करते हैं, ताकि उनकी सुंदरता में गजब का निखार आ सके. इस खास अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें रूप चौदस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.





ऐसी मान्यता है कि रूप चौदस के दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने से व्यक्ति का सौंदर्य सालों तक बरकरार रहता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज, मां काली और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन दीप दान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु के साथ-साथ यम यातना का भय दूर होता है. कहा जाता है कि रूप चौदस के दिन अपामार्ग को अपने सिर से घूमाकर नदी में प्रवाहित करने से नर्क यातना या अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने शरीर की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देते हैं.













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