मुंबई: देशभर में दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है. दशहरा असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. दशहरा या विजयदशमी नवरात्रि के बाद दसवें दिन मनाया जाता है. आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर असुर साम्राज्य पर जीत हासिल की थी. इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्त किया था. नवरात्रि के नौ दिनों के बाद आने वाले इस त्योहार को दशहरा या विजयादशमी दोनों नामों से जाना जाता है. दशहरा या विजयदशमी का त्योहार भगवान राम की रावण पर और मां दुर्गा की महिषासुर पर जीत का प्रतीक है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में दशहरा के मौके पर रावण के पुतलों का दहन होता है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में में भी कई ऐसे स्थान हैं जहां दशहरा के मौके पर रावण दहन का भव्य आयोजन किया जाता है. मुंबई के कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
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आजाद मैदान, फोर्ट
दशहरा के दिन आजाद मैदान में भव्य रावण दहन का आयोजन किया गया है. आजाद मैदान में होने वाले इस रावण दहन को देखने बड़ी भीड़ जुटती है. यहां की कमेटी का नाम श्री महाराष्ट्र राम लीला मंडल है जो सबसे पुरानी कमेटी में से एक माना जाती है.
गिरगांव, चौपाटी
मुंबई के गिरगांव चौपाटी में समंदर किनारे आयोजित होनेवाली रामलीला काफी मशहूर है. यहां नवरात्रि के पहले दिन से रामलीला की शुरुआत हो जाती है. रामलीला का समापन रावण दहन के साथ होता है. यहां भी इस कार्यक्रम को देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुटते हैं.
शिवाजी राजे स्पोर्ट्स ग्राउंड, मलाड
रामलीला प्रचार समिति साल 1982 के बाद से लगातार यहां रामलीला का आयोजन कर रही है. यहां का रावण दहन भी काफी शानदार होता है.
छत्रपती शिवाजी मैदान, विक्रोली
छत्रपती शिवाजी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यहां श्री रामलीला उत्सव समिति इस कार्यक्रम का आयोजन करती है और पिछले 50 सालों से यह आयोजन करता आ रहा है.
दशहरा पर एक ओर जहां रावण के पुतले का दहन किया जाता है तो वहीं मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है. विजयादशमी के दिन शाम के समय देश में कई जगहों पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है. रावण दहन के साथ ही यह संकल्प लिया जाता है कि हम अपने भीतर की सभी बुराइयों का अंत करके अच्छाई की राह पर चलेंगे. इस दिन शुभ मुहूर्त में महिषासुर मर्दिनी देवी दुर्गा और मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा की जाती है.