देश की राजधानी दिल्ली भी रबी अल-अव्वल का चांद नजर आया. चांद नजर आने के बाद देशभर में ईद मिलाद उन नबी 9 अक्टूबर को मनाया जायेगा.
ماہ ربیع الاول کا چاند 🌙 نظر آگیا
माह #रबीउल अव्वल का चांद नज़र आ गया pic.twitter.com/W8vO4p39xU— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) September 27, 2022
रबी अल-अव्वल का चांद का महाराष्ट्र के मालेगांव (Malegaon) में भी नजर आया है. चांद नजर आने के बाद ईद मिलाद उन नबी 9 अक्टूबर को देशभर में मनाया जायेगा. मालेगांव से पहले यूपी के देवबंद शहर, और लखनऊ में भी रबी अल-अव्वल का चांद नजर आया.
रबी अल-अव्वल का चांद उत्तर प्रदेश के देवबंद शहर में नजर आने के बाद लखनऊ में भी नजर आया. रबी अल-अव्वल का चांद दिखने के बाद भारत में 9 अक्टूबर को ईद मिलाद उन नबी मनाया जायेगा
रबी अल-अव्वल का चांद को लेकर लोगों का इंतजार ख़त्म हुआ. उत्तर प्रदेश के देवबंद शहर में रबी अल-अव्वल का चांद नजर आया. चांद दिखने के बाद रबी उल अव्वल 28 सितंबर से शुरू हो जायेगा और ईद मिलाद उन नबी 9 अक्टूबर को मनाया जायेगा.
The Crescent 🌙 for the month of RABI UL-AWWAL 1444 AH was sighted today. So, WEDNESDAY SEPTEMBER 28, 2022 AD will be the first day of RABI UL-AWWAL 1444 AH.— Deoband Hilal (@deobandhilal) September 27, 2022
मगरिब की नमाज अदा की जा रही है. मगरिब की नमाज के बाद अल-अव्वल का चांद भारत में देखने की कोशिश की जायेगी. जिसके बाद रबी अल-अव्वल के चांद को लेकर घोषणा होगी.
रबी अल-अव्वल का चांद कल याने सोमवार को नजर नहीं आया है. आज रबी अल-अव्वल का चांद एक भर फिर से मुंबई, दिल्ली, लखनऊ समेत भारत में देखने की कोशिश होगी.
Rabi Ul Awwal 2022 Moon Sighting in India Live News Updates: रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होने वाला था. लेकिन सोमवार को चांद नहीं दिखा. ऐसे में आज फिर से मुंबई, दिल्ली और लखनऊ समेत पूरे भारत में चांद देखने की कोशिश होगी. इस्लाम धर्म के मानने वालों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दिन होता है. यह दिन इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है
इस्लाम धर्म में इस महीने का खास महत्व बताया गया है. रबी उल अव्वल वस्तुतः अरबी शब्द है. यहां रबी का आशय वसंत और उल-अव्वल का मतलब प्रथम है. सर्दी (तकलीफ) के बाद वसंत (खुशी) का माह होता है. इस माह को पॉजिटिविटी से भरपूर माह माना जाता है. चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र गणना पर आधारित होता है, इसलिए रबी उल अव्वल महीना किसी भी मौसम में पड़ सकता है.
रवि उल अव्वल का इतिहास
रवी उल अव्वल का महीना पवित्र पैगंबर के जन्म और मृत्यु का प्रतीक माना जाता है, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इसे दरूद ओ सलाम, विशेष प्रार्थना और रबी उल अव्वल के 12 वें उपवास के साथ मनाते हैं. कहते हैं कि जब पवित्र पैगंबर मक्का से मदीना चले गये थे तो रबी उल अव्वल माह में क्यूबा पहुंचे थे. पवित्र पैगंबर ने रबी उल अव्वल मास में क्यूबा में पहली इस्लामी मस्जिद का निर्माण करवाया था. इसके बाद पवित्र पैगंबर हजरत मुहम्मद ने क्यूबा छोड़कर याथ्रिब पहुंचे तो वहां दूसरी मस्जिद का निर्माण करवाया था. इस मस्जिद को मदीना में मस्जिद नबवी के नाम से जाना जाता है. ये दोनों मस्जिदें इस्लाम की सुंदरता और मक्का से मदीना में मुसलमानों के पहले प्रवास की यादें ताजा कराते हैं.