National Science Day 2023: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्या है? जानें इसकी थीम जानिए 'रमन प्रभाव' की खोज के उपलक्ष्य में इस दिन का महत्व
National Science Day 2023 (Photo: File Image)

नई दिल्ली, 9 जनवरी: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 'वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान' की थीम पर मनाया जाएगा. रमन प्रभाव की खोज की याद में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस दिन सी.वी. रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की घोषणा की जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर पूरे देश में थीम आधारित विज्ञान संचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है. यह भी पढ़ें: National Science Day: 28 फरवरी को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, जानें इसकी खासियत

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जितेंद्र सिंह ने सोमवार को थीम जारी की और कहा कि "वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान" का विषय भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जहां वह बनेगी. वैश्विक दक्षिण की आवाज जो एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के विकासशील देश हैं. मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेलबीइंग थीम को वैश्विक संदर्भ में वैज्ञानिक मुद्दों की सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के उद्देश्य से चुना गया है, जिसका वैश्विक भलाई पर असर पड़ रहा है.

सिंह ने कहा कि भारत ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रों के समुदाय में वैश्विक दृश्यता हासिल की है, और "हम वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए परिणाम उन्मुख वैश्विक सहयोग के लिए तैयार हैं" 'उन्होंने कहा, जब चिंताओं, चुनौतियों और बेंचमार्क ने वैश्विक आयाम ग्रहण कर लिया है, तो निवारण भी वैश्विक प्रकृति का होना चाहिए.

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने "वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान" विषय के पीछे के तर्क को समझाया और कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर दुनिया वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के करीब आ गई है. सूद ने विस्तार से यह भी बताया कि 28 फरवरी 1928 को प्रतिष्ठित भारतीय भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन ने एक महत्वपूर्ण खोज की, जिसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है.

खोज यह थी कि जब रंगीन प्रकाश की किरण किसी द्रव में प्रवेश करती है, तो उस द्रव द्वारा प्रकीर्णित प्रकाश का एक अंश भिन्न रंग का होता है. रमन ने दिखाया कि इस बिखरे हुए प्रकाश की प्रकृति मौजूद नमूने के प्रकार पर निर्भर थी.