Mahatma Gandhi Death Anniversary 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने 30 जनवरी 1048 को उस वक्त बापू का सीना गोलियों से छलनी कर दिया था, जब वो दिल्ली के बिड़ला भवन (Birla Bhavan) में शाम के समय प्रार्थना सभा से उठ रहे थे. गोडसे ने अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोलियां मारकर उनकी हत्या (Murder) कर दी. हालांकि उनकी हत्या के बाद गोडसे को फौरन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उनकी हत्या के मामले में 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा सुनाई गई.
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary) के मौके पर चलिए जानते हैं कि आखिर नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने महात्मा गांधी पर गोलियां क्यों चलाई और उनकी हत्या के पीछे गोडसे का मकसद क्या था?
इसलिए की महात्मा गांधी की हत्या
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी चाहते थे कि भारत की तरफ से पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दी जाए, इसके लिए उन्होंने उपवास भी रखा था. नाथूराम गोडसे गांधीजी के इस फैसले के खिलाफ थे. गोडसे का मानना था कि भारत के विभाजन और उस दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा में लाखों की तादात में हुई हिंदुओं की हत्या के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार थे. उन्हें यह भी लगता था कि सरकार की मुस्लिमों के प्रति तुष्टीकरण की नीति गांधीजी की वजह से ही है.
उन्होंने करीब 90 पेज के अपने बयान को कोर्ट के सामने पढ़ते हुए कहा था कि मैंने वीर सावरकर और गांधीजी के लेखन और विचारों का अच्छी तरह से अध्ययन किया है. बतौर राष्ट्रभक्त और देश का नागरिक होने के नाते मेरा पहला कर्तव्य हिंदुत्व और हिंदुओं की सेवा करना है. करीब 32 सालों से उकसावेबाजी, मुसलमानों के लिए बापू के आखिरी अनशन ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया कि गांधीजी के अस्तित्व को फौरन खत्म कर देना चाहिए. यह भी पढ़ें: गांधी जयंती विशेष: महात्मा गांधी के इन पांच आंदोलनों ने हिला दी थी अंग्रेजों की नींव
बापू को गोडसे मानते थे अपना आदर्श
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है जिस गोडसे ने बापू की हत्या की, वही महात्मा गांधी पहले उनके आदर्श हुआ करते थे. महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन के चलते नाथूराम गोडसे को पहली बार जेल जाना पड़ा था, लेकिन देश के बंटवारे के बाद नाथूराम गोडसे के मन में बापू के प्रचि कड़वाहट बढ़ने लगी और वो कड़वाहट इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने बापू की हत्या कर दी.
नाथूराम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को महाराष्ट्र के पुणे के पास बारामती में हुआ था. उनका जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम रामचंद्र रखा गया था और उनके नाक में बचपन में एक नथ पहनाई गई थी. नथ पहनने के चलते ही रामचंद्र को नाथूराम कहकर बुलाया जाने लगा.