Maharashtra Day 2021: जानें कितने संघर्षों और शहादत के बाद हुआ महाराष्ट्र का जन्म?
महाराष्ट्र दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

Maharashtra Day 2021: साल 1947 के बाद जब देश स्वतंत्र हुआ, तब भारत छोटे-मोटे सामंती राज्यों में बंटा हुआ था. स्वतंत्रता के बाद विभिन्न भाषाओं के आधार पर इसका पुनर्गठन होना शुरु हुआ. इसी में एक राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra) भी है, जिसका पूर्ण गठन 1 मई को हुआ, इसीलिए हम प्रत्येक वर्ष 1 मई के दिन महाराष्ट्र दिवस (Maharashtra Diwas) मनाते है. इस दिन मराठीभाषी अपनी संस्कृति और परंपराओं का जश्न मनाते हैं. इस वर्ष महाराष्ट्र अपनी 61वीं वर्षगांठ मनायेगा, लेकिन संभवतया कम लोगों को यह बात पता होगी कि महाराष्ट्र के स्थापना (Maharshtra Formation) के लिए कितने आंदोलन एवं रक्तपात हुए. आइये जानें इसकी स्थापना दिवस के पीछे का संघर्ष और शहादत की कहानी.

आंदोलनों से जन्मा महाराष्ट्र

राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य का गठन किया गया था. इस अधिनियम के आधार पर कन्नड़ भाषियों को मैसूर (अब कर्नाटक), तेलुगु भाषियो को आंध्र प्रदेश, मलयालमियों को केरल और तमिल भाषा वालों को तमिलनाडु मिला. लेकिन मराठी और गुजराती भाषाइयों को अपना पृथक राज्य नहीं मिला. तब दोनों भाषाई के लोगों ने अपने लिए अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. साल 1960 में इस संदर्भ में तमाम आंदोलन हुए. अंततः 1 मई 1960 को भारत सरकार ने बॉम्बे प्रांत को मराठी एवं गुजराती भाषियों के आधार पर गुजरात एवं महाराष्ट्र को पृथक राज्य घोषित कर दिया.

मुंबई पर अपने-अपने वर्चस्व को लेकर संघर्ष

महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य घोषित होने के बाद आंदोलन थमा नहीं, क्योंकि असली लड़ाई मूल बाम्बे (आज की मुंबई) के वर्चस्व को लेकर थी. मराठी भाषियों का तर्क था कि बंबई में मराठी बोलने वालों की संख्या अधिक है, इसीलिए बंबई महाराष्ट्र के अधीन होनी चाहिए. उधर गुजराती भाषियों का कहना था कि कि बंबई के निर्माण में गुजरातियों का बड़ा हाथ है, इसलिए इसे गुजरात में शामिल किया जाना चाहिए. जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू दिल्ली की तरह मुंबई को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहते थे. कहते हैं कि बॉम्बे पर वर्चस्व को लेकर गुजरातियों एवं मराठियों के बीच तेज आंदोलन छिड़ गया. सूत्रों के अनुसार इस आंदोलन में 105 मराठी शहीद हो गये. अंततः मराठी भाषी बहुल होने के कारण बम्बई को महाराष्ट्र का हिस्सा घोषित कर दिया गया. यह भी पढ़ें: Maharashtra Din 2021 Rangoli Designs: महाराष्ट्र दिवस को खूबसूरत रंगोली से बनाएं खास, देखें आसान और लेटेस्ट डिजाइन्स

कैसे मनाते हैं महाराष्ट् दिवस?

प्रत्येक वर्ष पहली मई को महाराष्ट्र सरकार महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रखती है. इस दिन ज्यादातर स्कूल, कॉलेज एवं कार्यालय इत्यादि बंद रहते हैं. दिन की शुरुआत में दादर शिवाजी पार्क में एक विशाल परेड का आयोजन होता है. इसमें राज्य के राज्यपाल, राज्य रिजर्व पुलिस, होमगार्ड, मुंबई पुलिस, बीएमसी फोर्स एवं यातायात पुलिस के जवान परेड में भाग लेते हैं. यहां महाराष्ट्र की संस्कृति एवं परंपराओं का प्रदर्शन करते हुए तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.

इस दिन सर्वप्रथम शहीदों को श्रद्धांजलि देने के पश्चात गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संबंधित जिला मुख्यालयों पर झंडा फहराया जाता है. विभिन्न फील्ड की शख्सियतों मसलन खिलाड़ियों, कलाकारों, पुलिस अधिकारियों एवं चिकित्सकों को उनके उल्लेखनीय कार्यो के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है,

महाराष्ट्र दिवस के इस विशेष अवसर पर विभिन्न मंचों पर पारंपरिक लावणी प्रदर्शन के साथ-साथ मराठी संतों द्वारा लिखी कविताओं का पाठ किया जाता है. जगह-जगह जुलूस निकाले जाते हैं, तथा नई कंपनियों, परियोजनाओं का शुभारंभ किया जाता है. संयोगवश इसी दिन सारी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस भी मनाती है.