Mahalaya 2020 Wishes & GIF Greetings: महालया के खास अवसर पर अपने प्रियजनों को भेजें ये आकर्षक हिंदी WhatsApp Stickers, HD Images, Wallpapers, Photos, Facebook Messages और दें बधाई
महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

Mahalaya 2020 Wishes & GIF Greetings In Hindi: हर साल अश्विन मास की अमावस्या तिथि यानी सर्व पितृ अमावस्या (Sarv Pitru Amavasya) के दिन महालया (Mahalaya) का पर्व मनाया जाता है. इस साल महालया का पर्व 17 सितंबर 2020 (गुरुवार) को मनाया जा रहा है. बंगाली समुदाय के लोग इस दिन का साल भर बेसब्री से इंतजार करते हैं. दरअसल, महालया दुर्गा पूजा (Durga Puja) की शुरुआत और पितृपक्ष (Pitru Paksha) के समापन का पर्व है. इस दिन लोग अपने पितरों ने निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कर उन्हें विदाई देते हैं तो वहीं इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) से धरती पर आने की प्रार्थना की जाती है. महालया दुर्गा पूजा से सात दिन पहले आता है, लेकिन इस साल अधिक मास के कारण दुर्गा पूजा महालया से एक महीने बाद शुरु होगी. ज्ञात हो कि इस साल दो अश्विन माह पड़ रहे हैं, जिसके अनुसार 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिक मास रहेगा और 17 अक्टूर से 31 अक्टूबर तक शुद्ध अश्विन मास रहेगा, इसलिए मां दुर्गा की उपासना का पर्व इस साल 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मनाया जाएगा.

मान्यता है कि महालया अमावस्या के दिन ही मां दुर्गा की प्राकट्य हुआ था और उन्होंने आगे चलकर इस धरती को पापियों से मुक्ति दिलाई थी. बंगाली समुदाय के लोग महालया को धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं और एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. आप भी महालया के खास अवसर पर अपने प्रियजनों को इन आकर्षक विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटोज और फेसबुक मैसेजेस के जरिए बधाई दे सकते हैं.

1- महालया 2020

महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

2- महालया 2020

महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

3- महालया 2020

महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

4- महालया 2020

महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

5- महालया 2020

महालया 2020 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, महालया के दिन ही मां दुर्गा की प्रतिमाओं को चक्षु दान किया जाता है यानी इसी दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं के नेत्र बनाए जाते हैं. इस साल पुरुषोत्तम मास यानी मलमास पड़ने के कारण महालया के एक महीने बाद मां दुर्गा की उपासना का पर्व नवरात्रि शुरु होगा. दरअसल, अधिकमास में यज्ञ, विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्य करना वर्जित होता है. इस माह का कोई देवता नहीं होता है और इस महीने सूर्य की संक्रांति न होने के कारण यह माह मलिन हो जाता है. हालांकि इस महीने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से 10 गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.