Maha Ashtami 2023 Messages in Hindi: आज (22 अक्टूबर 2023) शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) का आठवां दिन है, जिसे महा अष्टमी (Maha Ashtami), दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami), दुर्गाष्टमी (Durgashtami) और शुभो अष्टमी (Subho Ashtami) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. यह तिथि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन जहां मां दुर्गा (Maa Durga) के आठवें स्वरूप मां महागौरी (Maa Mahagauri) की उपासना की जाती है तो वहीं यह दुर्गा पूजा (Durga Puja) का तीसरा दिन होता है और नवरात्रि में पहले व आखिरी दिन का व्रत रखने वाले लोग इसी दिन कन्या पूजन (Kanya Pujan) करते हैं. अश्विन शुक्ल अष्टमी को मातारानी की उपासना करने वाले भक्त नौ कन्याओं को देवी के नौ स्वरूपों का प्रतीक मानकर उनकी पूजा करते हैं. पहले और आखिरी दिन व्रत रखने वाले अष्टमी तिथि को हवन और कन्या पूजन कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं.
मां दुर्गा की उपासना के नौ दिवसीय उत्सव की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है, जबकि इस दिन बंगाली समुदाय के लोग मां दुर्गा को विशेष प्रार्थना अंजलि अर्पित करते हैं, इसके साथ ही इसकी सबको बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी महा अष्टमी के इन भक्तिमय हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- चारों ओर है छाया अंधेरा,
कर दे मां रोशन जीवन मेरा,
तुझ बिन कौन यहां है मेरा,
तू जो आए सामने हो जाए सवेरा.
महा अष्टमी की शुभकामनाएं
2- मां भरती झोली खाली,
मां अंबे वैष्णो वाली,
मां संकट हरने वाली,
मां विपदा हरने वाली,
मां के सभी भक्तों को...
महा अष्टमी की शुभकामनाएं
3- माता के कमल चरणों से,
महके आपका घर और द्वार,
खुशियों और उमंगों से भर जाए,
आपका हर दिन और हर प्रहर.
महा अष्टमी की शुभकामनाएं
4- आशा है कि दुर्गा अष्टमी से,
रोशन हो जाए आपका घर-संसार,
माता के आशीर्वाद से खिल उठे मन,
और बढ़ता जाए आपका धन...
महा अष्टमी की शुभकामनाएं
5- जब संकट कोई आए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पूर्ण होंगे काम,
जब व्याकुल मन घबराए,
तू ले मैया का नाम,
तेरे पूर्ण होंगे काम...
महा अष्टमी की शुभकामनाएं
बहरहाल, शारदीय नवरात्रि से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं, पहली कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने पूरे नौ दिनों तक दुषट असुर महिषासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उन्होंने उस असुर का संहार किया था, इसलिए नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय के प्रतीक के तौर पर विजयादशमी मनाई जाती है. वहीं दूसरी कथा के अनुसार, भगवान राम ने पूरे नौ दिन तक व्रत रखकर शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की उपासना की थी और उसके बाद दशमी तिथि को उन्होंने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए दशमी तिथि को विजयादशमी यानी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन कई जगहों पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है.