Lalbaugcha Raja 2019 Mukh Darshan LIVE Streaming Day 11: आज गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का आखिरी दिन यानी अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) है. आज गणपति बाप्पा मोरया...अगले बरस तू जल्दी आ... के जयकारे के साथ गणपति बाप्पा का धूमधाम से विसर्जन (Ganpati Visarjan) किया जाएगा. गणपति विसर्जन के साथ ही गणेशोत्सव पर्व का समापन हो जाएगा. अनंत चतुर्दशी के दिन मुंबई के मशहूर पंडालों में से एक लालबागचा राजा (LalbaughCha Raja) की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली जाती है. ढ़ोल-नगाड़े, बाजे-गाजे के साथ लालबागचा राजा की विसर्जन यात्रा निकलती है और मुंबई के गिरगांव चौपाटी में उन्हें विदाई दी जाती है. गणेशोत्सव के आखिरी दिन हर भक्त की यह कोशिश होगी कि वो मन्नतों के राजा की एक झलक पा सकें, इसके लिए बकायदा लोग पिछली रात से ही कतार में लगे भी होंगे.
कहते हैं कि मन्नतों के राजा यानी लालबाग के गणपति के दर्शन का सौभाग्य उन्हीं को मिल पाता है, जिन्हें बाप्पा का बुलावा आता है, लेकिन कई लोग चाहते हुए भी लालबागचा राजा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त नहीं कर पाते हैं. अगर आपने भी अब तक यहां विराजमान गणपति बाप्पा के दर्शन नहीं किए हैं तो ये आखिरी मौका है और इसे अपने हाथ से न जाने दें. अगर आप लालबाग के राजा के दरबार में नहीं पहुंच पा रहे हैं तो लालबागचा राजा गणपति पंडाल (LalbaughCha Raja Ganpati Pandal) से लाइव टेलीकास्ट (Live Telecast) के जरिए बाप्पा की भव्य आरती और मुख दर्शन का लाभ अवश्य उठाएं. यह भी पढें: Lalbaugcha Raja 2019 Mukh Darshan LIVE Streaming Day 10: गणेशोत्सव के 10वें दिन मन्नतों के राजा की आरती और मुख दर्शन का मौका न गवाएं, देखें लालबागचा राजा गणेश पंडाल से लाइव टेलीकास्ट
लालबागचा राजा 2019 की भव्य आरती और लाइव मुख दर्शन-
बता दें कि गणेशोत्सव के दौरान आम लोगों से लेकर फिल्मी सितारे और कई मशहूर हस्तियां बाप्पा के दरबार में अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं. क्या आम... क्या खास... क्या अमीर... क्या गरीब... हर कोई बाप्पा के इस दरबार में एक समान होता होता है सभी उनके दरबार में श्रद्धा से शीश झुकाते हैं. मान्यता है कि यहां विराजमान गणेश भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं, इसलिए उन्हें नवसाचा गणपति कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2019: लालबाग के राजा क्यों कहलाते हैं मन्नतों की पूर्ति करने वाले गणपति, जानिए इससे जुड़ी कहानी
गौरतलब है कि लालबाग के राजा की स्थापना आजादी के पहले साल 1934 से की जा रही है और इस बार लालबागचा राजा की स्थापना का 86वां साल है. इनकी महिमा को जानने के बाद हर भक्त उनके दरबार में पहुंचने की हर संभव कोशिश करता है. यही वजह है कि हर साल गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. यहां आने वाले भक्तों की सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा के चाक-चौबंद इतंजाम किए जाते हैं.