Kojagiri Purnima 2023 Messages in Hindi: आज (28 अक्टूबर 2023) देशभर में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसे कोजागरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. साल की भर की सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा को सबसे खास माना जाता है. कोजागरी पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की उपासना के अलावा भगवान शिव (Bhagwan Shiv), हनुमान जी (Hanuman Ji) और चंद्रदेव (Chandra Dev) की विशेष पूजा की जाती है. इसके साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए खीर का भोग लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है, जिसे आरोग्यदायक और सौंदर्यदायक माना जाता है. इस रात खीर बनाकर चंद्रमा की चांदनी में रखा जाता है, जिसके सेवन से उत्तम आरोग्य की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि कोजागरी पूर्णिमा की रात चांद की चांदनी धरती पर अमृत के समान होती है और चांद धरती के बेहद करीब होता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि इस रात मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, फोटो एसएमएस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स के जरिए हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा कह सकते हैं.
1- कोजागरी पूर्णिमा का ये खूबसूरत चांद,
लेकर आए आपकी ज़िंदगी में बहार और खुशी हजार.
हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा
2- कोजागरी पूर्णिमा के दिन,
आप और आपके परिवार पर,
सुख-समृद्धि की वर्षा हो.
हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा
3- कोजागरी पूर्णिमा पर आप,
और आपके परिवार पर,
देवताओं का आशीर्वाद बरसे.
हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा
4- सर नवा कर शरद पूर्णिमा के चंद्रमा का आशीर्वाद पाएं,
आओ हम अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं.
हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा
5- शरद पूर्णिमा का रंग है निराला,
इस दिन चमके चंद्रमा सबसे प्यार,
घर में दीपक जलाकर रखना,
माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयार रहना.
हैप्पी कोजागरी पूर्णिमा
कोजागरी पूर्णिमा से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणों से धरती पर अमृत की वर्षा होती है. मान्यता है कि कोजागरी पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर जाती हैं, इसलिए कहा जाता है कि इस रात रात्रि जागरण करके माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने वालों पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इस रात भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के साथ महारास रचाया था, इसलिए इस पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है.