जन्माष्टमी के दौरान भारत के कई राज्यों में दही हांडी उत्सव प्रचलित है. महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के कुछ भागों में यह अतिविख्यात है. पूरे देश में आज जन्माष्टमी की धूम हैं, वहीं दूसरी ओर दही हांडी का उत्साह और क्रेज भी अपने चरम पर है. इस दौरान लड़कों/ लड़कियों का समूह एक ग्राउंड में इकट्ठा होता है और वह समूह पिरामिड बनाकर जमीन से कुछ फुट ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की मटकी को तोड़ता है. श्री कृष्ण जन्मपर्व के दौरान दही हांडी के इस उत्सव का भी अपना अलग महत्व है.
दरअसल बचपन में कान्हा काफी शरारती हुआ करते थे, और मां यशोदा से छुप-छुप कर माखन चोर कर खाया करते थे. जिसके कारण कान्हा को माखन चोर नाम से भी जाना जाने लगा. यह भी पढ़ें-देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, प्रधानमंत्री मोदी-राष्ट्रपति ने दी बधाई
इसलिए मनाते हैं दही हांडी उत्सव
अपने शरारती माखन चोर कान्हा की पहुंच से बचाने के लिए नंदरानी सहित वृन्दावन की अन्य महिलाएं माखन और दही की मटकियां काफी उंचाई पर टांग देती थी. लेकिन श्रीकृष्ण ने अपनी समझदारी दिखाई और माखन चोरी करने के लिए योजना बनाई. माखन चुराने के लिए श्रीकृष्ण ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाया और जमीन से काफी ऊंचाई पर लटकाई गई मटकी से दही और माखन को चुरा लिया. कान्हा की इसी प्यारी शरारत को ही अब दही हांडी उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें- जन्माष्टमी 2018: भारत के इन राज्यों में इस तरह से मनाया जाता है श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का त्योहार