Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू और जैन समुदाय के लिए एक पवित्र त्योहार है. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरारी पूर्णिमा जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, यह दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा. यह त्योहार कार्तिक माह के पंद्रहवें चंद्र दिवस मनाया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा या देव दिवाली या त्रिपुरारी पूर्णिमा, हिंदू धर्म में सबसे शुभ त्योहारों में से एक है.
पौराणिक कथा अनुसार भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, भगवान शिव की जीत के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है. इसे त्रिपुरोत्सव (Tripurotsav) या त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima) के रूप में भी जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा पर भक्त दिन और शाम को दीपदान करने के बाद पवित्र गंगा नदी में डूबकी लगाते हैं. जो भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं, वे मानव जीवन के चार उद्देश्य- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त करते हैं.
कार्तिक पुर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है:
इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन अधिकांश गांवों, कस्बों में बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन दिए गए दान से 100 अश्वमेध यज्ञों के बराबर लाभ प्राप्त होता है.
तिथि और शुभ मुहूर्त:
कार्तिक पूर्णिमा तिथि- 12 नवंबर 2019.
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 नवंबर 2019 को शाम 06.02 बजे से,
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 12 नवंबर 2019 की शाम 07.04 बजे तक.
महत्व:
नवंबर के महीने में आनेवाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन चन्द्रमा आकाश में पूरा दिखाई देते हैं. कार्तिक को कृतिका ’नक्षत्र भी कहा जाता है. कार्तिक पूर्णिमा अन्य सभी पूर्ण चंद्रमाओं में से सबसे शुभ पूर्णिमा है. इसका कारण है चन्द्रमा का कृतिका नक्षत्र में निकलना. इसके महत्व का एक अन्य कारण यह है कि कृतिका नक्षत्र सूर्य द्वारा शासित है, जो हमारी आत्मा का कारक है. इसलिए सूर्य के साथ चंद्रमा यानी आत्मा के साथ-साथ मन भी इस शुभ चन्द्र पूर्णिमा पर शासन करता है. कृतिका नक्षत्र तीक्ष्ण वस्तुओं का निरूपण करती है, जो स्वयं के भीतर छिपे राक्षस को पराजित करने का प्रतिक है. कार्तिक पूर्णिमा किसी कार्य को शुरू करने का एक शुभ दिन है, इस दिन मन की स्थिरता बढ़ती है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में चंद्रोदय के समय डूबकी लगाने से सारे पाप धूल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा सबसे पवित्र नदी है, इसका पानी बहुत शुद्ध है और शरीर को उर्जा प्रदान करता है. अगर आपके आसपास नदी नहीं है या आप दूर हैं तो अपने पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.