International Literacy Day 2020: साक्षरता (Literacy) और शिक्षा (Education) के महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) मनाया जाता है. इस दिन शिक्षा और उसकी भूमिका के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है कि कैसे यह व्यक्ति, समुदाय और समाज को लाभान्वित कर सकता है. 26 अक्टूबर 1966 को 14वें सत्र में यूनेस्को (UNESCO) के सामान्य सम्मेलन के दौरान इस दिवस को मनाए जाने की घोषणा की गई थी. इसके बाद साल 1967 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया था. इस दिन अलग-अलग देशों में विभिन्न कार्यक्रमों और वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2020 साक्षरता शिक्षण और कोविड-19 संकट में व उससे परे सीखने (Literacy Teaching and Learning in The COVID-19 Crisis and Beyond) पर केंद्रित है. साल 2020 का विषय युवाओं और वयस्कों पर मुख्य ध्यान देने के साथ आजीवन सीखने और उनकी साक्षरता पर प्रकाश डालता है. यह दिवस बदलती शिक्षा के दौर में शिक्षकों की भूमिका को सबसे आगे लाने की कोशिश करता है.
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस को साल 1966 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन या यूनेस्को की घोषणा द्वारा स्थापित किया गया था, ताकि लोगों को साक्षरता और शिक्षा के महत्व से रूबरू कराया जा सके. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विचार साल 1965 में तेहरान में आयोजित अशिक्षा के उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान आया था. इस दिवस को 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अपनाया गया था. इस दिन का उद्देश्य लोगों में साक्षरता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2020 सेलिब्रेशन
इस साल अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर वैश्विक समरोह में दो वर्चुअल बैठकों का आयोजन किया गया है. 'पहली बैठक साक्षरता शिक्षण और कोविड-19 संकट में व उससे परे सीखने' (Literacy teaching and learning in the COVID-19 crisis and beyond) विषय पर शिक्षकों की भूमिका और बदलती शिक्षाओं को लेकर (13: 30-15: 30 in Paris time) होगी. दूसरी बैठक यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार 2020 (16:00-17:00 in Paris time) को लेकर होगी.
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2020 इस बात पर प्रकाश डालने और चर्चा करने का एक मंच है कि कैसे महामारी और उससे आगे युवा और वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों में नवीन व प्रभावी शिक्षा और शिक्षण पद्धति का उपयोग किया जा सकता है. यह दिवस शिक्षकों की भूमिका का विश्लेषण करने का अवसर प्रदान करता है. इसके साथ ही प्रभावी नीतियों, प्रणालियों, शासन और शिक्षण को बेहतर बनाने के उपायों पर जोर दिया जाता है.