International Labour Day 2024 Wishes in Hindi: दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के मकसद से हर साल 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Workers Day), लेबर डे या मई दिवस (May Day) के तौर पर भी जाना जाता है. मजदूरों और श्रमिकों के सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के मकसद से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है, ताकि समाज में उनकी स्थिति मजबूत हो सके. दरअसल, मजदूर किसी भी देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि हर कार्य क्षेत्र में मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इस दिवस को साल 1889 में पहली बार मनाने का फैसला किया गया था. आपको बता दें कि साल 1886 से पहले अमेरिका के शिकागो में मजदूरों ने एकत्रित होकर आंदोलन शुरु किया था, जिसके बाद 1 मई सन 1889 में पहली बार लेबर डे मनाया गया था.
भारत में मजदूरों के आंदोलन को देखते हुए 1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया. लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में भारत में मजदूर दिवस मनाने की घोषणा की गई, जिसका कई संगठन और सोशल पार्टी ने समर्थन किया. मजदूर दिवस की आप इन शानदार हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- अगर इस जहान में मजदूर का न होता नामो निशान,
तो फिर न बनता हवा महल और न होता ताज महल.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
2- मैं मजदूर हूं मजबूर नहीं,
यह कहने में मुझे शर्म नहीं,
अपने पसीने की खाता हूं,
मैं मिटटी को सोना बनाता हूं.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
3- अमीरी में अक्सर अमीर,
अपने सुकून को खोता है,
मजदूर खा के सूखी रोटी,
बड़े आराम से सोता है.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
4- मेहनत उसकी लाठी है,
मजबूती उसकी काठी है,
विकास की वो नींव है,
उसका जीवन सीख है.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
5- उनकी गैर-मौजूदगी में मंजिल हमेशा दूर है,
जो आपके ख्वाबों को पूरा करता है वो मजदूर है.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि अमेरिका के शिकागो में अपने हक के लिए मजदूरों ने हड़ताल किया था. उस दौरान मजदूर एक दिन में 15-15 घंटे काम करते थे, जिसका वो विरोध जता रहे थे. हालांकि आंदोलन के दौरान पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों श्रमिक घायल हो गए. इस घटना के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई, जिसमें मजदूरों के काम करने के घंटों को कम करके 8 घंटे करने का फैसला किया गया. इस सम्मेलन के बाद 1 मई को मजदूर दिवस मनाया गया और इस दिन हर साल मजदूरों को छुट्टी देने का फैसला भी किया गया.