Happy Workers' Day 2020 Messages In Hindi: आज (1 मई 2020) का दिन दुनिया भर के मजदूरों (Labours) और श्रमिकों (Workers) के लिए बेहद खास है, क्योंकि उनके सम्मान में विश्व के अधिकांश देशों में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labour Day) मनाया जा रहा है, जिसे श्रमिक दिवस, अंतरराष्ट्रीय कामगार दिवस, इंटरनेशनल लेबर डे, कामगार दिवस, कामगार दिन और मई दिवस जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. दरअसल, 1 मई साल 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने काम के घटों को कम करने की मांग करते हुए एक साथ हड़ताल शुरू की और उनके हड़ताल की बदौलत ही भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी. बात करें भारत की तो यहां 1 मई 1923 को पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया था और इसकी आयोजन लेबर किसान पार्टी ने किया था.
मजदूर दिवस दिन रात कड़ी मेहनत करने वाले मजदूरों के सम्मान और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है. इस दिन उनके सम्मान में कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के खास अवसर पर लोग एक-दूसरे को जीआईएफ इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एसएमएस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और कोट्स को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर मजदूर दिवस (Happy Labour Day) की बधाई भी देते हैं. आप भी अपने श्रमिक साथियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हाथो में लाठी है,
मजबूत उसकी कद-काठी है,
हर बाधा वो कर देता है दूर,
दुनिया उसे कहती है मजदूर.
मजदूर दिवस की बधाई
2- सो जाता है फुटपाथ पर बिछा कर अखबार,
जो कभी नींद की गोली नहीं खाता वो है मजदूर.
मजदूर दिवस की बधाई
3- अगर इस जहान में मजदूर का न होता नामो निशान,
तो फिर न बनता हवा महल और न होता ताज महल.
मजदूर दिवस की बधाई
4- उनकी गैर-मौजूदगी में मंजिल हमेशा दूर है,
जो आपके ख्वाबों को पूरा करता है वो मजदूर है.
मजदूर दिवस की बधाई
5- जिसके कंधों पर बोझ बड़ा,
वो भारत मां का बेटा कौन?
जिसने पसीने से भूमि को सींचा,
वो भारत मां का बेटा कौन?
वह किसी का गुलाम नहीं,
अपने दम पर जीता है.
मजदूर दिवस की बधाई
दुनिया में पहली बार साल 1886 में अमेरिका के शिकागों में लेबर डे मनाया गया था, जिसके बाद कई देशों में मजदूर दिवस मनाने का चलन शुरू हुआ. बताया जाता है कि उस दौरान मजदूरों को 12-12 घंटे की लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ता था और उन्हें सैलरी भी कम दी जाती थी. ऐसे में अमेरिका के शिकागो में करीब 2 लाख मजदूरों ने 8 घंटे काम करने की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल किया. प्रदर्शन के दौरान एक मार्केट में धमाका हो गया और मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई थी. आखिरकार साल 1889 में पेरिस में इंटरनेशनल महासभा की बैठक में हर साल 1 मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाने का फैसला लिया गया.