International Day in Support of Victims of Torture 2019: अत्याचार (यातनाओं) (Torture) के प्रति जन-जन तक जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 26 जून को अत्याचार पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day in Support of Victims of Torture) मनाया जाता है. आज भी कई ऐसे लोग हैं जो घर की चार दिवारी के भीतर तरह-तरह की यातनाएं और अत्याचार झेलने को मजबूर हैं, ऐसे लोगों की मदद और उनका समर्थन करने के लिए ही इस दिवस का आयोजन किया जाता है. दरअसल, 26 जून 1997 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अत्याचार पीड़ितों के समर्थन में अतंर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की, जिसका मुख्य उद्देश्य मानव अत्याचारों के खिलाफ न सिर्फ आवाज बुलंद करना है, बल्कि इसे पूरी तरह से खत्म करना है. चलिए जानते है आखिर इस दिवस का इतिहास क्या है और इसे क्यों मनाया (History and Significance) जाता है.
क्या है अत्याचार?
मानवाधिकार कानून के अनुसार, यातना (अत्याचार) को किसी भी कार्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. अत्याचार का मतलब है किसी व्यक्ति को जानबूझकर शारीरिक या मानसिक तौर पर पीड़ा देना या चोट पहुंचाना. अत्याचार या टॉर्चर को मानव जाति के दुश्मन के तौर पर देखा जाता है. इसे सभ्य समाज में एक अपराध माना जाता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. हकीकत में मानवाधिकार कानून के अनुसार, यातना जानबूझकर किया गया अमानवीय व्यवहार है, जो बहुत गंभीर और क्रूर पीड़ा का कारण बनता है.
क्या है इस दिवस का इतिहास ?
अत्याचार के खिलाफ कन्वेंशन 26 जून 1987 को लागू हुआ जो मानवाधिकार का एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें यह स्वीकर किया गया था कि यातना और अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार सार्वजनिक तौर पर अवैध घोषित किया जाना चाहिए. दरअसल, 12 दिसंबर 1997 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव 52/149 पारित किया और 26 जून को अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अत्याचार पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया गया. हालांकि कानूनी तौर पर दिए गए दंड या सजा को यातना नहीं माना जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: International Widows Day 2019: विधवा महिलाओं की सामाजिक स्वतंत्रता और उनके जीवन में खुशियों के रंग भरने का खास दिन है अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस
26 जून 1998 को पहली बार अत्याचार पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस का आयोजन किया गया था. इस दिन संयुक्त राष्ट्र ने सभी सरकारों और नागरिक समाज के सदस्यों से अपील की कि वे यातनाओं और अत्याचारों पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई करें.
कैसे मनाया जाता यह दिन?
दुनिया भर में विभिन्न पुनर्वास केंद्र और मानवाधिकार संगठन हर साल 26 जून को अत्याचार पीड़ितों के समर्थन में यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं. यह दिवस अत्याचार के खिलाफ एकजुट होने और इसे मिटाने के लिए आवाज बुलंद करने का मौका देता है. इस दिन अत्याचार पीड़ितों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यातना (अत्याचार) एक अपराध है, जिसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है.