Indian Army Day 2020: क्यों मनाते हैं 15 जनवरी को ही सेना दिवस? जानें इससे जुड़ी कुछ जानकारियां
प्रतीकात्मक तस्वीर, (Photo Credits-ANI Twitter Video Grab)

Indian Army Day 2020: सेना देश के प्रहरी होते है, वे सीमा पर सजग प्रहरी की तरह तैनात होते हैं, तभी हम शांति से रह पाते हैं. वे अपने घर से दूर नितांत, निर्जन बर्फीली ठिठुरती सर्द रातों में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे होते हैं, तभी हम चैन की नींद सो पाते हैं. राष्ट्र की सुरक्षा, अखण्डता एवं एकता को बनाए रखने में भारतीय सशस्त्र सेना के महत्व और उनकी शहादत को महज चंद शब्दों में समेट देना संभव नहीं है. 15 जनवरी को भारतीय सेना 72 वां सेना दिवस मना रही है. आइए जानें 15 जनवरी को ही क्यों और कैसे मनाते हैं यह उत्सव विशेष...

15 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं ‘सेना दिवस’

15 अगस्त 1947 को जब भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ, तब देश भर में दंगे-फसादों एवं शरणार्थियों के कारण तमाम प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा. लेकिन तब तक सेना की कमान ब्रिटिसर्स कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास थी. 15 जनवरी 1949 को बुचर ने फील्ड मार्शल कोदनदेरा मदप्पा करियप्पा को सेना की कमान सौंपी. इस तरह करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले सेना प्रमुख बने. भारत सरकार ने भारतीय सेना के शौर्य, साहस एवं शहादत को उचित सम्मान देने के लिए इसी दिन यानी 15 जनवरी को ‘सेना दिवस’ मनाने का फैसला किया. तभी से हर वर्ष यह दिन ‘सेना दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है.

कैसे मनाते हैं

किसी भी आम भारतीय के लिए ‘सेना दिवस’ किसी राष्ट्रीय पर्व से कम नहीं कहा जा सकता. इस विशेष अवसर पर नई दिल्ली स्थित 15 करियप्पा परेड ग्राउंड में सेना द्वारा परेड निकाली जाती है. भारतीय सेना की टुकड़ियां सेना प्रमुख को गार्ड ऑफ ऑनर देती हैं. इसके बाद भारतीय सेना के म्युजिक बैंड अपनी प्रस्तुतियां देते हैं. भारतीय सेना अपनी सैन्य शक्तियों का प्रदर्शन करती हैं. इस वर्ष कहा जा रहा है कि इस प्रदर्शनी में BLT-72, T-90 टैंक, ब्रह्मोज मिसाइल, 22% मोर्टार, ट्रैक्ड वैहिकिल,155 MM सोलटम गन, सेना विमानन दल का उन्नत प्रकाश हेलीकॉप्टर इत्यादि का प्रदर्शन करेंगे. इसी अवसर पर सेना के जवानों को उनकी बहादुरी और साहस भरे कारनामों के लिए मैडल और प्रशस्ति-पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया जाता है.

क्या खास होगा इस ‘वर्ष सेना’ दिवस पर

देश की राजधानी नई दिल्ली में ‘भारतीय सेना दिवस’ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. इस बार सेना दिवस पर सबसे खास बात यह होगी कि इस दिन तीनों सेना यानी जलसेना (नेवी), थलसेना एवं वायुसेना का बेहतर तालमेल और समन्वय दिखेगा. तीनों सेनाओं के समन्वय के लिए पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद भी बनाया गया है, जिसके लिए पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को नियुक्ति दी गई है. इस बार सेना दिवस के परेड में नवनिर्वाचित सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नेवी चीफ और एयरफोर्स चीफ के साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी शामिल होंगे. छह साल बाद आर्मी का पैरा दस्ता भी परेड में शामिल होगा.

यह सच है कि हमारे सैनिक माइनस 30 डिग्री से भी कम अथवा शरीर को झुलसा देने वाली गरम हवाओं के बीच रहकर देश की सुरक्षा करते हैं. लेकिन उनका दायित्व सीमा तक ही नहीं बल्कि देश के भीतर भी जब-जब बाढ़, जल प्रलय, तूफान, भूकंप, जैसी दैवीय आपदाएं आती हैं और सारी मशीनरियां लगभग फेल हो जाती हैं, तब भारतीय सेना के जांबाज सिपाही अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी जान-माल की रक्षा करते हैं. इसके अलावा देश कें अंदर आतंरिक अशांति, अव्यवस्था एवं आपात्कालीन परिस्थितियों में भी सेना का पूरा सहयोग हमें मिलता है.