Gudi Padwa 2023 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है, इसलिए इस तिथि का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है. एक तरह जहां इस दिन हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) का जश्न मनाया जाता है तो वहीं इसी दिन से मां दुर्गा की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है. इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में नए साल का जश्न मनाया जाता है, जिसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के नाम से जाना जाता है. आज यानी 22 मार्च 2023 को गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस पर्व को महाराष्ट्र और गोवा समेत दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. गुड़ी का मतलब है पताका यानी झंडा और पड़वा का अर्थ है प्रतिपदा तिथि. इस दिन महिलाएं और पुरुष पारंपरिक कपड़े पहनकर घर के आगे एक गुड़ी यानी झंडा रखते हैं. इसी में लोटे पर स्वस्तिक चिह्न बनाकर उस पर रेशम का कपड़ा लपेटा जाता है और गुड़ी को विजय का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की जाती है.
ऐसी मान्यता है कि हिंदू नव वर्ष यानी गुड़ी पड़वा के दिन गुड़ी की पूजा करने से घर में साल भर खुशहाली बनी रहती है. इसके साथ ही जीवन से सारी समस्याएं दूर होती हैं. लोग शुभकामना संदेशों के जरिए इस पर्व की बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज, एसएमएस के जरिए अपनों से हैप्पी गुड़ी पड़वा कह सकते हैं.
1- गुड़ी पड़वा की हैं अनेक कथाएं,
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए,
पेड़-पौधों से सजता है चैत्र माह,
इसलिए हिंदू धर्म में यह नव वर्ष कहलाए.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
2- नया दिन, नई सुबह,
चलो मनाएं एक साथ,
है यही गुड़ी का पर्व,
दुआ करें हम रहें सदा साथ...
हैप्पी गुड़ी पड़वा
3- वृक्षों पर सजती नए पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार,
ऐसा सजता है गुड़ी का त्योहार,
मौसम ही कर देता नव वर्ष का सत्कार.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
4- आई हैं बहारे, नाचे हम और तुम,
पास आए खुशियां और दूर जाए गम,
प्रकृति की लीला है हर तरफ छाई,
सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
5- नए पत्ते आते हैं वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं,
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता है,
हम यूं ही गुड़ी पड़वा का पर्व नहीं मनाते,
हिंदू धर्म में यह त्योहार प्रकृति के बदलाव से आते.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा की धूम देखते ही बनती हैं, क्योंकि इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर पारंपरिक अंदाज में तैयार होते हैं, घर के द्वार पर तोरण लगाए जाते हैं, रंगोली बनाई जाती है. खाने के लिए महाराष्ट्रीयन घरों में पूरन पोली के अलावा कई प्रकार के लजीज पकवान बनाए जाते हैं. ऐसी मान्यता प्रचलित है कि इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इसे हिंदू नव वर्ष का आरंभ माना जाता है. इस तिथि पर किसी भी नए कार्य को शुरु करने से उसमें सफलता मिलने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है.