Govatsa Dwadashi 2021 Messages in Hindi: हिंदू धर्म में गौ माता (Cow) को काफी पूजनीय माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार श्रीकृष्ण (Shri Krishna) को गाय अतिप्रिय है और मान्यता है कि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास है, इसलिए उनकी पूजा करने से सभी देवी-देवता न सिर्फ प्रसन्न होते हैं, बल्कि अपना आशीर्वाद भी देते हैं. ऐसे में गौ माता से मिलने वाली चीजों के लिए उनका आभार प्रकट करने और उनका पूजन करने के लिए गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी मनाई जाती है, जिसे बछ बारस (Bach Baras) और वसु बारस (Vasu Baras) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह पावन पर्व 2 नवंबर 2021 को मनाया जा रहा है.
धनतेरस से एक दिन पहले गोवत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गौ माता के साथ-साथ उनके बछड़ों की सेवा की जाती है. यह एक अनूठा उत्सव है, क्योंकि इस दिन लोग मानव जीवन के निर्वाह में गायों के योगदान के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं. आप इस अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस, कोट्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- बची नहीं गायें अगर, ऐसा होगा हाल,
तरसेंगे फिर दूध को, इस माटी के लाल...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
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2- गौ माता करतीं सदा, भव सागर से पार,
इनकी तुम सेवा करो, जीवन देंगी तार...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
3- गायों की सेवा करो और बचाओ जान,
कान्हा आगे आएंगे, सुख की छतरी तान...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
4- गोबर करता है यहां, ईधन का भी काम,
गौ सेवा जिसने की, उसके हो गए चारों धाम...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
5- घास-फूस खाकर करें, दूध-दही की रेज,
इसी वजह से सज रही, मिष्ठानों की सेज...
गोवत्स द्वादशी की शुभकामनाएं
गोवत्स द्वादशी के दिन गाय और बछड़े को स्नान कराया जाता है. पूजा से पहले उन्हें रंग-बिरंगे कपड़े और फूलों की माली पहनाई जाती है, फिर उनके मस्तक पर सिंदूर या हल्दी का तिलक लगाया जाता है. गाय और बछड़े को भोग के तौर पर गेहूं से बनी चीजें, चना और मूंग की फलिया खिलाई जाती हैं और फिर उनकी आरती उतारी जाती है. इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं. कहा जाता है कि अगर गाय और बछड़े आसपास न मिले तो शुद्ध मिट्टी से गाय और बछड़े की प्रतिमा बनाकर उनका पूजन करना चाहिए.