Ganesh Visarjan 2023: आज होगी गणपति बप्पा की धूमधाम से विदाई! जाने विसर्जन की आसान विधि एवं मंत्र!

Ganesh Visarjan 2023: दस दिवसीय गणेश महोत्सव के बाद आज ग्यारहवें दिन गणपति बप्पा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी को जिस धूमधाम एवं गाजे बाजे के साथ गणपति बप्पा का स्वागत करते हैंउसी घूमधाम से बप्पा की विदाई का भी विधान है. आज बप्पा के भक्त नम आँखों से उन्हें 'अगले बरस तू जल्दी आ की प्रार्थना के साथ विदाई करेंगे. अगर आपने भी अपने आवास पर गणपति बिठाई है और आज विदाई की पूजा के लिए पुरोहित नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैंतो हमारे आचार्य भागवत जी आपको मंत्रों के साथ गणपति विसर्जन की आसान विधि बतला रहे हैं. आप इस विधि से गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं. Ganesh Visarjan 2023: गणपति बप्पा आज लेंगे विदाई, मुंबई में 19 हजार पुलिसकर्मियों की लगी ड्यूटी

पंचक काल में विसर्जन होगा गणपति बप्पा का! 

  अमूमन पंचक काल अंतिम संस्कार अथवा दाह संस्कार वगैरह नहीं किये जाते. इस माह 26 सितंबर से 30 सितंबर 2023 तक पंचक काल रहेगा, लिहाजा हर किसी के मन में संशय थी कि क्या पंचक काल में गणपति बप्पा का विसर्जन किया जा सकता हैहमारे आचार्य भागवतजी के अनुसार पंचक काल में भगवान गणेश एवं देवी दुर्गा का विसर्जन (विदाई) बहुत शुभ माना जाता है. इसलिए 28 सितंबर 2023 को गणेशजी का विसर्जन हमेशा की तरह किया जा सकता है. आचार्य के अनुसार यह गणेश भक्तों के लिए शुभता का संकेत हो सकता है.

गणेश विसर्जन विधि

  बप्पा की विदाई से पूर्व पूरे विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करें. गणेशजी को लाल चंदन, अक्षत, मौली, अबीर, गुलाल, सिंदूर, इत्र एवं जनेऊ चढ़ाएं. निम्न मंत्र का उच्चारण करें.

ॐ गं गणपतये नमः। ॐ श्री गजाननाय नमः। ॐ श्री विघ्नराजाय नमः। ॐ श्री विनायकाय नमः। ॐ श्री गणाध्यक्षाय नमः। ॐ श्री लंबोदराय नम:। ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः। ॐ श्री वक्रतुंडाय नम:। ॐ श्री गणनाथाय नम:। ॐ श्री गौरीसुताय नम:। ॐ श्री गणाधीशाय नम:। ॐ श्री सिद्धिविनायकाय नम:।

अब कपूर से श्रीगणेश की आरती उतारें. गणपति जी को अर्पित भोग भक्तों में बांट दे.

   इन दिनों पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गणपति की प्रतिमा का विसर्जन नदी अथवा सरोवरों में नहीं किया जाता. छोटी प्रतिमाओं को बगीचे में किसी बडे़ पात्र में गंगाजल मिश्रित जल में प्रवाहित कर मूर्ति को विसर्जित करेंसाथ ही उद्घोष करें,

गणपति बप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया

अगले बरस तू जल्दी आ

विसर्जन स्थल पर परिवार के सदस्य और अन्य लोग हाथ में फूल और अक्षत लें. विसर्जन मन्त्र पढते हुए गणेश जी को चढ़ाएं और प्रणाम करते हुए मूर्ति को जल में प्रवाहित करें.

ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठस्वस्थाने परमेश्वर

यत्र ब्रह्मादयो देवाःतत्र गच्छ हुताशन ।।

ॐ श्री गणेशाय नमःॐ श्री गणेशाय नमःॐ श्री गणेशाय नमः।

बाद में यह मिट्टी गमले में डाल दें.