Ganesh Visarjan 2020 Puja Vidhi at Home: घर पर कैसे करें गणेश विसर्जन? अनंत चतुर्दशी पर इस विधि व मंत्र से करें गणपति बप्पा की पूजा और ऐसे करें उनकी प्रतिमा का विसर्जन
गणपति बाप्पा (Photo Credits: Facebook)

Ganesh Visarjan 2020 Puja Vidhi at Home: दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का आज यानी अनंत चतुर्दशी के दिन समापन हो रहा है. 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) का भक्तों ने धूमधाम से स्वागत किया और पूरे दस दिनों तक विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद आज बप्पा का विसर्जन (Ganpati Visarjan) कर इस त्योहार का समापन किया जाएगा. दरअसल, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के समय भक्तगण अपने-अपने घरों में भावपूर्ण से गणेश भगवान की मूर्ति बिठाते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. पूरे विधि-विधान से बाप्पा का स्मरण किया जाता है. परंपरा के आधार पर, परिवार डेढ़, तीन, पांच, सात और ग्यारह दिनों में गणेश विसर्जन करते हैं. हालांकि इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण गणेशोत्सव का यह पर्व फीका पड़ गया है.

बता दें कि राज्य की सरकारों ने सभी से आग्रह किया है कि वे घर पर ही गणपति विसर्जन अनुष्ठान करें और अपने घर में गणपति बप्पा को विदाई दें. अगर आपने भी अपने घर पर बप्पा की स्थापना की है तो आप इस आर्टिकल की सहायता से अपने घर पर भगवान श्री गणेश का विसर्जन कर सकते हैं. चलिए जानते हैं अनंत चतुर्दशी के दिन घर पर कैसे गणपति बप्पा का विसर्जन करें और किसी विधि व मंत्र से उनका पूजन करें.

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विसर्जन का अर्थ है मूर्ति को पानी में छोड़ना और उस प्रतिमा की विदाई करना. गणेश चतुर्थी पूजा के लिए लोगों को मिट्टी, कागज की लुगदी और अन्य सामग्री से बनी एक नई गणेश मूर्ति मिलती है. इन मूर्तियों को वेदी पर स्थापित किया जाता है, और पूजा के बाद परिवार के सदस्य मिलकर भगवान गणेश को विदाई देते हैं. गणेश विसर्जन विदाई का प्रतीक है जहां भक्त उत्सव के समापन के उपलक्ष्य में भगवान गणेश को भव्य तरीके से अर्घ्य देते हैं. परंपरा के आधार पर, गणेश को जल निकाय में डेढ़ दिन या पांचवें, सातवें, नौवें, या ग्यारहवें दिन विसर्जित किया जाता है.

घर पर गणेश विसर्जन की विधि:-

  • गणेश विसर्जन के दिन पूरा परिवार एक साथ होता है और अंतिम पूजा व आरती करता है. पूजा के लिए भोग-भोजन तैयार किया जाता है. नीर, दीये, अगरबत्ती, मोदक, लड्डू और अन्य मीठे व्यंजन के साथ भगवान की स्तुति की जाती है.
  • परिवार के सदस्य साथ में प्रार्थना करते हैं. परिवार के वरिष्ठ सदस्य गणेश की मूर्ति पर हल्दी चावल (अक्षद) छिड़केंगे और अंत में शीश नमन करते करते हैं.
  • इसके बाद गणपति बप्पा की मूर्ति को धीरे से हटाया जाता है, यह विदाई यात्रा शुरू करने से पहले की एक तरह की परंपरा होती है.
  • भक्तों को अपनी आनंदमय यात्रा के लिए भगवान गणेश को दही और मिठाई अर्पित किया जाता है.
  • परिवार भी अपने घर वापस लौटनें के दौरान उनके साथ जाने के लिए कुछ चावल और अनाज को लाल कपड़े में बांध देते हैं.
  • अब गणेश श्लोकों का जाप किया जाता है और परिवार के नामित सदस्य मूर्ति को घर से ले जाते हैं.
  • विसर्जन स्थल पर पहुंचने पर, जो आमतौर पर नदी, झील, तालाब या समुद्र की तरह एक जल निकाय होता है उसमें भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है. इसी क्रम के दौरान भक्त उनके नाम और जाप का नारा लगाते हैं.
  • हालांकि इस साल, महामारी के कारण, सरकार ने लोगों से घर पर विसर्जन करने का आग्रह किया है. भक्त भगवान गणेश को पानी से भरे टब में विसर्जित सकते हैं और बाद में पौधों को वह पानी दे सकते हैं. मूर्तियों को आस-पास के कृत्रिम तालाबों में भी विसर्जित किया जा सकता है. यह भी पढ़ें: Ganpati Visarjan 2020: आज होगी बप्पा की अश्रुपुरित विदाई, जानें क्यों करते हैं विसर्जन, कैसे करें अंतिम पूजा और क्या है विदाई की बेला?

इस मंत्र का करें उच्चारण-

अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें और जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांग कर मंगल की कामना करें और गणपति बप्पा को अगले साल वापस आने के लिए निमंत्रण दें.

आवाह्न न जानामि न जानामि विसर्जनम।

पूजां च न जानामि क्षमस्व परमेश्वरम।।

मन्त्रहीनं क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वर।

यत्पूजितं मयादेव परिपूर्ण तदस्तु मे।।

गणेश चतुर्थी का त्योहार एक महत्वपूर्ण पर्व है. जिस भव्य रूप में श्री गणेश का आगमन होता है उतनी ही धूमधाम से उनकी विदाई भी की जाती है. ढोल की आवाज और सड़क पर भगवान गणेश के नाम का जाप गूंजता है. गौरतलब है कि इस साल महामारी के कारण यह सब नहीं सुनाई देगा, फिर भी भक्त घर पर परंपराओं का पालन करते हुए भगवान गणेश को समान उत्साह के साथ विदाई दे सकते हैं.