Maa Lakshmi Diwali Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली (Deepavali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का मुख्य पर्व यानी लक्ष्मी पूजन आज (4 नवंबर 2021) मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं. ऐसे में मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घरों की साफ-सफाई की जाती है, रंग-बिरंगी लाइटों से घरों को रोशन किया जाता है और मुख्य द्वार पर रंगोली (Rangoli) बनाई जाती है.
कहा जाता है कि माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसे में लक्ष्मी पूजन के दौरान मां लक्ष्मी की आरती जरूर करनी चाहिए. मान्यता है कि पूजा के दौरान मां लक्ष्मी की आरती से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इस खास अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं ‘ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता’ आरती, का लिरिक्स और वीडियो…
मां लक्ष्मी की आरती लिरिक्स
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
मां लक्ष्मी की आरती का वीडियो-
दीपावली से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, कार्तिक अमावस्या को भगवान राम लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे, उनके वापस आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी को घी के दीयों से रोशन किया था, तब से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही हैं. वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए दीपावली पर उनकी विशेष पूजा की जाती है.