Dhanu Sankranti 2019: धनु संक्रांति आज, 14 जनवरी 2020 तक भूलकर भी न करें ये कार्य, वरना हाथ लग सकती है असफलता
धनु संक्रांति 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Dhanu Sankranti 2019: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, नौ ग्रहों के राजा सूर्य (Surya) जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं. आज यानी 16 दिसंबर 2019 को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए आज धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) मनाई जा रही है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं तो उनकी चाल धीमी हो जाती है. धनु राशि (Dhanu) में सूर्य के प्रवेश करने के बाद सभी शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. दरअसल, इस संक्रांति को सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए माना जाता है कि इसका व्यक्ति पर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का असर हो सकता है. ऐसे में कई शादी-ब्याह जैसे कई मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं.

धनु संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है और इसी संक्रांति से मलमास की शुरुआत मानी जाती है. धनु संक्रांति के बाद से एक महीने तक सारे शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. अब अगले साल यानी 14 जनवरी को जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब मकर संक्रांति मनाई जाएगी और फिर से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. चलिए जानते हैं धनु संक्रांति के बाद एक महीने तक कौन से कार्य नहीं करने चाहिए?

धनु संक्रांति शुभ मुहूर्त

सोमवार, 16 दिसंबर 2019 की दोपहर 03.28 बजे से सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद अगले साल 14 व 15 जनवरी 2019 की रात 02.50 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगें, जिसके साथ ही मलमास भी समाप्त हो जाएगा. बता दें कि 15 दिसंबर से 9 जनवरी 2020 तक गुरु तारा भी अस्त रहेगा, इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है. यह भी पढ़ें: Paush Maas 2019: पौष मास में सूर्य देव की उपासना का है खास महत्व, इस महीने इन व्रतों को करने से सफलता, आरोग्य, संतान सुख और सौभाग्य का मिलता है वरदान

इन कार्यों को करने से बचें

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, 15 जनवरी 2020 के बाद से एक बार फिर शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य शुरु हो जाएंगे. धनु संक्रांति से शुरु होने वाले मलमास के दौरान शादी, सगाई, उपनयन संस्कार, वधु प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार की शुरुआत, भूमि खनन, यज्ञोपवीत, द्विरागमन जैसे कार्य नहीं करने चाहिए. मलमास में इन कार्यों को करना अशुभ माना जाता है. हालांकि इस दौरान भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ जैसे निष्काम कार्य किए जा सकते हैं.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.