Dhammachakra Pravartan Day 2021 HD Images: धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

Dhammachakra Pravartan Day 2021 Wishes in Hindi: धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस (Dhammachakra Pravartan Day) को जाति उत्पीड़न से मुक्ति के प्रतीक के तौर पर भी जाना जाता है. धम्मचक्र प्रवर्तन दिन हर साल 14 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो बौद्ध और नव-बौद्ध (Neo-Buddhist) धर्म के अनुयायिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. दरअसल, भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) ने अपने 600,000 अनुयायियों के साथ नागपुर (Nagpur) में दीक्षाभूमि (Deekshabhoomi) पर 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था. इस दिवस को जाति उत्पीड़न से मुक्ति के प्रतीक के तौर पर भी जाना जाता है. इसी दिन देश में हो रहे जाति व्यवस्था के तहत निरंतर उत्पीड़न और भेदभाव का मुकाबला करने के लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने बौद्ध धर्म (Biddhism) में परिवर्तित होने के लिए एक बड़ा कदम उठाया था. उनके इस कदम को भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक माना जाता है. ऐसे में जिन लोगों ने बौद्ध धर्म को अपनाया है उनके लिए यह बहुत ही खास दिन है.

धम्मचक्र अनुप्रवर्तन दिवस यानी धम्मचक्र प्रवर्तन दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, इसलिए इस दिन इस धर्म के लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर बधाई देते हैं. आप भी इस अवसर पर इन हिंदी एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को भेजकर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

2- धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

3- धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

4- धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

5- धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने नागपुर के जिस स्थान पर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, उसे दीक्षाभूमि के नाम से जाना जाता है. इस खास दिन दुनिया भर के लाखों बौद्ध अनुयायी दीक्षाभूमि पहुंचते हैं और इस उत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस दिन डॉ. आंबेडकर और उनकी शिक्षाओं को याद करने के लिए कई आयोजन किए जाते हैं. इसके साथ ही नियो-बुद्धिस्ट (Neo-Buddhists) की प्रशंसा और सम्मान करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं