Christmas 2019: गोवा के रंगारंग क्रिसमस कार्निवल का उठाएं आनंद, जानें यहां कैसे मनाया जाता है एक हफ्ते तक चलने वाला यह उत्सव
क्रिसमस 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Christmas Carnival: यूं तो क्रिसमस (Christmas) की धूम देश के कोने-कोने में देखने को मिलती है. मूलतः ईसाई समाज के इस पर्व में हर धर्म-समुदाय के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और मिलजुल कर खुशियां सेलीब्रेट करते हैं, लेकिन गोवा में क्रिसमस (Christmas In Goa) की धूम में कुछ ज्यादा ही रंगीनियत नजर आती है. क्रिसमस से शुरू हुआ रंगारंग महोत्सव नववर्ष की पूर्व संध्याकाल तक चलता है. इस पूरे एक सप्ताह तक गोवा में डांस, मस्ती और जायकेदार व्यंजनों की बहार तो होती ही है, साथ ही क्रिसमस कार्निवल (Christmas Carnival) की एक अलग ही भव्यता नजर आती है, जिसे देखने और उसमें भागीदार बनने के लिए देश-विदेश से लोग यहां आते हैं. आइये हम भी क्रिसमस से नववर्ष की पूर्व संध्या तक चलने वाले इस रंगारंग कार्निवल (Goa Christmas Carnival) का लुत्फ उठायें...

पांच सौ साल पुरानी परंपरा है कार्निवल

गोवा में कार्निवल की शुरुआत लगभग पांच सौ साल पहले हुई थी, जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया था. उस समय की परंपरानुसार इस अवसर विशेष पर कुछ दिन के लिए हुक्मरान पुर्तगाली गुलामों का रूप धरते थे और अफ्रीकी देशों से लाए उनके गुलाम नए कपड़े, मुखौटे आदि लगा कर मालिक बन जाते थे. सब मिलकर इस उत्सव का आनंद उठाते थे. हालांकि आज भी कार्निवल में पुर्तगाली शैली की झलक दिखती है, लेकिन अब इसमें गोवा का फ्लैवर ज्यादा नजर आता है. यह भी पढ़ें: Christmas 2019 Greeting Cards: प्रियजनों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देने के लिए अपने हाथों से बनाएं ये 5 स्पेशल ग्रीटिंग कार्ड, देखें वीडियो

पणजी से शुरू होकर पणजी में ही समापन होता है

पणजी से शुरू होकर यह कार्निवल गोवा के विभिन्न गांवों और नगरों से गुज़रते हुए पुनः पणजी पहुंचता है. यहां चौथे दिन बेहद लोकप्रिय रेड एंड ब्लैक डांस नाईट का आयोजन बड़ी शालीनता के साथ किया जाता है. इसमें युवक-युवतियां काले और लाल रंग के परिधानों में ताल से ताल मिलाते हुए उत्सव का ग्रैंड फिनाले मनाते हैं. इस फिनाले में बड़े उत्साह से लोग भाग लेते हैं. विशालकाय, आकर्षक और रंग-बिरंगी झांकियां सजाई जाती हैं. उत्साह भरे इस उत्सव में छोटे-छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक के लोग इसकी छटा देखने के लिए यहां एकत्र होते हैं.

पुर्तगाली संस्कृति एवं दर्शन

क्रिसमस की शाम इस रंगीन शहर गोवा की रंगिनीयित में  कार्निवल की धूम से चार चांद लग जाता है. चार दिनों तक चलने वाले वीवा कार्निवल में गोवन फूड, म्युजिक और डांस का पर्यटक जम कर लुत्फ उठाते हैं. पणजी की सड़कों पर कार्निवल की परेड देखते ही बनती है. संगीत की धुन में थिरकते इस कार्निवल का लुत्फ उठाने देश-विदेश से लोग गोवा की ओर रुख करते हैं. कार्निवल में गोवा की संस्कृति और परंपरा का लोग न केवल अवलोकन करते हैं, बल्कि इसमें शामिल होकर उसी रंग में रंग जाते हैं. इस कार्निवल के कारण गोवा के सारे होटल पूरे एक सप्ताह के लिए भर जाते हैं. क्या युवा, क्या बच्चा अथवा क्या बुजुर्ग सभी इस समारोह में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है. रंग बिरंगे कपड़े, मास्क और विग पहन कर लोग पूरे उत्साह के साथ कार्निवल में भाग लेते हैं. इस कार्निवल में गोवा की पुर्तगाली संस्कृति भी देखने को मिलती है. आज भी गोवा का कार्निवल पूरी दुनिया में लोकप्रिय है.

गोवा के संदर्भ में पौराणिक मान्यता

मान्यता है कि गोवा की रचना भगवान परशुराम ने की थी. उन्होंने अपने बाणों से समुद्र को कई योजन पीछे धकेल दिया था. आज भी गोवा के कई स्थानों के नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि हैं. उत्तरी गोवा में हरमल के पास स्थित भूरे रंग के पर्वत के संदर्भ में मान्यता है कि यह परशुराम के यज्ञ का मुख्य स्थान था. ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो गोवा का जिक्र महाभारत में भी दर्ज है. उस समय गोवा का नाम 'गोपराष्ट्र' यानी 'गाय चराने वाले का देश' हुआ करता था. गोवा, 'गोपराष्ट्र' का ही अपभ्रंश है. यह भी पढ़ें: Christmas 2019: इस साल मनाएं इको-फ्रेंडली क्रिसमस, इस तरह करें पार्टी का आयोजन ताकि पर्यावरण को न पहुंचे नुकसान

कहां ठहरें

गोवा में हर वर्ग का व्यक्ति इन्जॉय कर सकता है, क्योंकि यहां सस्ते, मध्यम एवं ऊंचे दर्जे के लक्जीरियस होटल उपलब्ध हैं. कोंकण पर्यटन विभाग की तरफ से भी समुद्र किनारे छोटे-छोटे हट भी बने हैं. इसके अलावा लॉज एवं गेस्ट हाउस भी हैं, जहां अपनी जेब के अनुसार कमरे बुक करवाए जा सकते हैं.

कैसे पहुंचे गोवा

गोवा पहुंचने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता एवं चेन्नई से सीधी फ्लाइट एवं रेल सेवा भी उपलब्ध, चूंकि इस समय दुनिया भर के पर्यटक गोवा आते हैं, लिहाजा फ्लाइट एवं होटल की ऑन लाइन बुकिंग पूर्व से करवा लेना ही समझारी होगी.