Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi 2021 Quotes in Hindi: मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का नाम इतिहास के पन्नों में एक दयालु शासक, महान और वीर योद्धा के तौर पर दर्ज है. भारत के इस वीर सपूत की वीरगाथा दुनिया भर में मशहूर है. अपनी वीरता, शौर्य और पराक्रम के दम पर मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 341वीं पुण्यतिथि (Chhatrapati Shivaji Maharaj 341st Punyatithi) मनाई जा रही है. महज 52 साल की उम्र में आज ही के दिन यानी 3 अप्रैल 1680 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी. नौ सेना की स्थापना करने वाले राजाओं में शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) को सर्वप्रथम माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले नौसेना की स्थापना की थी. उन्होंने ही गोरिल्ला युद्ध नीति को भी जन्म दिया था और उनकी सेना ने युद्ध में इस नीति का उपयोग भी किया था. उन्होंने अपनी रणनीति का परिचय देते हुए अपने सैनिकों की तादात को 2 हजार से बढ़कार 10 हजार तक कर दी थी.
छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम उनकी वीरता, पराक्रम, शौर्य और उनके दयालु स्वभाव के कारण इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. लोग उन्हें हिंदु हृदय सम्राट कहकर भी संबोधित करते हैं. उनकी 341वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. ऐसे में आप भी छत्रपति शिवाजी महाराज के इन प्रेरणादायी महान विचारों को अपनों के साथ शेयर करके इस महान योद्धा को याद कर सकते हैं.
1- यद्धपि सबके हाथ में एक तलवार होती है, लेकिन वो ही साम्राज्य स्थापित करता है जिसमें इच्छाशक्ति होती है.
2- शत्रु को कमजोर नहीं समझना चाहिए और ना ही बलवान, जो वो आपके साथ कर रहा है उस पर ही ध्यान देना चाहिए.
3- जब आप अपने लक्ष्य को तन-मन से चाहोगे तो मां भवानी की कृपा से जीत आपकी ही होगी.
4- किसी भी चीज को पाने का हौसला बुलंद हो तो पर्वत को भी मिट्टी में बदला जा सकता है.
5- अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला पूरे विश्व पर राज कर सकता है.
6- जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच स्वराज्य को चुनता है, वही एक सच्चा नागरिक होता है.
गौरतलब है कि मराठा साम्राज्य के इस महान शासक का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता का नाम शाहजी भोसले और माता का नाम जीजाबाई था. ऐसा कहा जाता है कि उनकी माता ने देवी शिवाई के नाम पर उनका नाम शिवाजी रखा था. बचपन में ही शिवाजी महाराज ने अपनी माता जीजाबाई से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा प्राप्त कर ली थी. शिवाजी ने अपनी चतुराई और पराक्रम का परिचय देते हुए कई किलों पर जीत हासिल की थी. वो एक ऐसे शासक थे, जिन्होंने हमेशा सभी धर्मों का एक जैसा सम्मान किया.