
Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi 2020 Quotes In Hindi: भारत के वीर सपूत और मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की वीरगाथा देश ही नहीं दुनिया भर में मशहूर है. अपनी वीरता और पराक्रम के दम पर मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 340वीं पुण्यतिथि (Chhatrapati Shivaji Maharaj Punyatithi) है. हर साल 3 अप्रैल को शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि मनाई जाती है. महज 52 साल की उम्र में उनका निधन 3 अप्रैल 1680 को हुआ था. उन्हें नौसेना की स्थापना करने वाले राजाओं में सर्वप्रथम माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले नौसेना की अहमियत को समझते हुए विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जयगढ़ किले में इसकी स्थापना की थी. उन्हें आज भी उनकी वीरता, पराक्रम, शौर्य और दयालु स्वभाव के कारण जाना जाता है. लोग उन्हें हिंदु हृदय सम्राट कहकर भी पुकारते हैं.
मुगलों के शासल काल में शिवाजी महाराज ने मराठाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान दिया था. वो जितने महान शासक और वीर योद्धा थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. यही वजह है कि आज भी उनके महान विचार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत माने जाते हैं. चलिए छत्रपति शिवाजी महाराज की 340वीं पुण्यतिथि (Shivaji Maharaj Death Anniversary) पर जानते हैं उनके महान व प्रेरणादायी विचार. यह भी पढ़ें: Shiv Jayanti 2020 Wishes: इन प्रेरणादायी हिंदी कोट्स, Hike Stickers, Facebook Greetings, GIF Images और WhatsApp Status के जरिए अपनों को दें शिव जयंती की शुभकामनाएं
1- किसी भी चीज को पाने का हौसला बुलंद हो तो पर्वत को भी मिट्टी में बदला जा सकता है.

2- अपना सर कभी ना झुकाएं, इसे सदैव ऊंचा रखें.

3- यद्धपि सबके हाथ में एक तलवार होती है, लेकिन वो ही साम्राज्य स्थापित करता है जिसमें इच्छाशक्ति होती है.

4- शत्रु को कमजोर नहीं समझना चाहिए और ना ही बलवान, जो वो आपके साथ कर रहा है उस पर ही ध्यान देना चाहिए.

5- जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच स्वराज्य को चुनता है, वही एक सच्चा नागरिक होता है.

6- जब आप अपने लक्ष्य को तन-मन से चाहोगे तो मां भवानी की कृपा से जीत आपकी ही होगी.

एक महान योद्धा और दयालु शासक (Maratha Emperor) के तौर पर इतिहास के पन्नों में अपनी वीरगाथा को दर्ज कराने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता का नाम शहाजी (Shahaji Bhosale) भोसले और माता का नाम जीजाबाई (Jijabai) था. शिवाजी ने बचपन में ही अपनी माता से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा ग्रहण कर ली थी. उन्होंने मुगलों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया और उन्होंने न सिर्फ मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर किया, बल्कि मराठा साम्राज्य की नींव भी रखी.