Chhath Puja 2023 Mehndi Designs: छठ पूजा महापर्व की बढ़ाएं शुभता, मेहंदी के इन डिजाइन्स से निखारें अपने हाथों की सुंदरता (Watch Videos)
छठ पूजा स्पेशल मेहंदी डिजाइन (Photo Credits: YouTube/Instagram)

Chhath Puja 2023 Mehndi Designs: आस्था के महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) की 17 नवंबर 2023 से नहाय-खाय (Nahay-Khay) के साथ शुरुआत हो चुकी है, जबकि इसका समापन 20 नवंबर 2023 को ऊषा अर्घ्य के साथ होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, चार दिवसीय छठ पूजा पर्व को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है. इस चार दिवसीय महापर्व का तीसरा दिन यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी का दिन सबसे खास होता है, क्योंकि इसी दिन शाम के समय व्रती किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करते हैं, जिसे ऊषा अर्घ्य कहा जाता है. दिवाली के बाद से इस पर्व की तैयारियां शुरु हो जाती हैं, जिसकी अनूठी छठा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में देखने को मिलती है. इसके अलावा भी देश के कई हिस्सों में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.

छठ पूजा के सबसे मुख्य दिन यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रती महिलाएं सज-संवरकर, सोलह श्रृंगार करती हैं और फिर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. छठ मैया और सूर्य देव की उपासना के इस पावन पर्व पर महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाकर अपने हाथों की सुंदरता को निखारती हैं. ऐसे में छठ पूजा महापर्व की शुभता बढ़ाने के लिए आप अपने हाथों में मेहंदी के इन सुंदर डिजाइन्स को रचा सकती हैं. इसके लिए आप इन वीडियो ट्यूटोरियल्स की मदद ले सकती हैं.

छठ पूजा स्पेशल मेहंदी डिजाइन

छठ पूजा खूबसूरत मेहंदी डिजाइन

छठ पूजा 2023 स्पेशल मेहंदी

छठ पूजा सिंपल मेहंदी डिजाइन

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छठ पूजा बैक हैंड मेहंदी

छठ पूजा आकर्षक मेहंदी

 

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गौरतलब है कि चार दिवसीय छठ पूजा महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, दूसरे दिन खरना होता है, फिर तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है और फिर चौथे व आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे ऊषा अर्घ्य कहा जाता है और इसी के साथ इस महापर्व का समापन होता है. कहा जाता है कि छठ मैया सूर्य देव की बहन हैं और इस पर्व पर सूर्य देव व छठ मैया की उपासना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.