Chhath Puja 2020: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के बाद अब लोग सूर्य की उपासना के महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) की तैयारियों में जुट गए हैं. छठ पूजा का मुख्य पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. हालांकि इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से हो जाती है और इसका समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी पर होता है. इस दौरान नहाय खाय (Nahay Khay), लोहंडा खरना (Lohanda Kharna), संध्या और ऊषा अर्घ्य (Sandhya and Usha Arghya) शामिल है. छठ पूजा के व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है और इसके नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है. छठ का व्रत रखने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जल और निराहार रहकर छठी मैया (Chhat Maiyya) और सूर्य देव (Surya Dev) की उपासना करते हैं. षष्ठी तिथि को सूर्यास्त के दौरान नदी या तालाब के पानी में खडे होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर यह व्रत पूर्ण होता है.
छठ पूजा का व्रत जितना कठिन है, उतने ही सख्त इस व्रत से जुड़े नियम हैं. चलिए जानते हैं वो कौन से काम हैं, जिन्हें व्रत के दौरान करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही नजर डालते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि पर… यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020 Date & Full Schedule: नहाय-खाय, लोहंडा-खरना, संध्या और ऊषा अर्घ्य कब है? जानें 4 दिवसीय छठ पूजा पर्व की तिथि और पूरा शेड्यूल
छठ पूजा शुभ मुहूर्त
इस साल छठ पूजा का मुख्य पर्व 20 नवंबर 2020 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा.
षष्ठी तिथि प्रारंभ- 19 नवंबर 2020 को रात 9:58 बजे से,
षष्ठी तिथि समाप्त- 20 नवंबर 2020 की रात 9:29 बजे तक.
सूर्योदय का समय- सुबह 06:48 बजे.
सूर्यास्त का समय- शाम 17:26 बजे.
ऊषा अर्घ्य का समय- सुबह 6:48 बजे.
छठ पर न करें ये गलतियां
- मांसाहार, सिगरेट और शराब का सेवन करने परहेज करें.
- व्रतियों को बिस्तर के बजाय जमीन पर सोना चाहिए.
- लहसुन और प्याज का सेवन करने से बचें.
- प्रसाद बनाते समय पूर्ण स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखें.
- सूर्य को अर्घ्य देने से पहले पानी और भोजन का सेवन करने से बचें.
- चांदी, स्टील, कांच या प्लास्टिक के बर्तन से अर्घ्य नहीं देना चाहिए.
- प्रसाद बनाने की जगह पर कुछ भी खाने पीने से बचना चाहिए.
- उपवास रखने वाले व्यक्ति को पवित्रता का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
- अगर आप कोसी अनुष्ठान का पालन कर रहे हैं तो आपको अतिरिक्त सावधान रहना चाहिए. यह भी पढ़ें: November 2020 Festival Calendar: करवा चौथ और पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के साथ नवंबर महीने में पड़ रहे हैं कई बड़े व्रत व त्योहार, देखें पूरी लिस्ट
इस साल हम कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से जूझ रहे हैं. ऐसे में सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ कम करने की अपील की जा रही है. संकट की इस घड़ी में लोगों को घर पर पानी का स्रोत बनाकर पूजा करने को कहा जा रहा है. इस महापर्व को उत्तर भारत विशेषकर बिहार, यूपी, झारखंड और नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में उत्साह से मनाया जाता है.
गौरतलब है कि छठ पूजा पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, अगले दिन खरना किया जाता है. छठ पर्व का प्रसाद ऊर्फ ठेकुआ तीसरे दिन तैयार किया जाता है, फिर शाम के समय किसी नदी या तालाब के पानी में खड़े रहकर संध्या अर्घ्य दिया जाता है और अगले दिन सूर्योदय के समय ऊषा अर्घ्य देकर प्रसाद बांटने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.