BSF Raising Day 2023 Wishes: भारत 2023 में 59वां बीएसएफ स्थापना दिवस (BSF Raising Day 2023 ) हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. 1965 में गठित बीएसएफ की प्राथमिक भूमिका बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ साझा की गई भारत की सीमाओं की सुरक्षा करना है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भारतीय सशस्त्र कर्मी शामिल हैं जो भारत-बांग्लादेश और भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए समर्पित हैं. बीएसएफ स्थापना दिवस से कर्मी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में घूम रहे हैं, और पश्चिमी सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे दुष्ट तत्वों से एलओसी (भारत-पाकिस्तान सीमा) की रक्षा कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: 59th years of BSF 2023: देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनेवाली विश्व की सबसे बड़ी ताकत बीएसएफ! जानें इसकी हैरतअंगेज कहानी!
वे भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा में काम करते हैं. बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र उन्हें इन राज्यों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर कार्रवाई करने का अधिकार देते हैं. बेंगलुरु में बीएसएफ का नक्सल विरोधी मुख्यालय है. यह रेड कॉरिडोर क्षेत्र में नक्सलियों से लड़ने के लिए समर्पित विभिन्न बटालियनों को निगरानी प्रदान करता है. बीएसएफ ने पिछले 4 दशकों में नक्सल विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियानों में अनुकरणीय भूमिका निभाई है. इसने सेवन सिस्टर्स राज्यों में उग्रवाद से भी निपटा और पूरे भारत में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस महत्वपूर्ण दिन पर हम आपके लिए ले आए हैं विशेज, जिन्हें आप HD Wallpapers, GIF Images, WhatsApp Stickers के जरिये भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1. सीमा सुरक्षा बल की स्थापना दिवस पर
देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले
माँ भारती के वीर जवानों को शुभकामनाएं
2. देश की सीमाओं के निष्ठावान एवं साहसी प्रहरियों
को कोटि-कोटि नमन
बीएसएफ डे की बधाई
3. हमारे सीमा प्रहरियों की वीरता और कर्तव्यनिष्ठा
हर भारतीय को गौरवान्वित एवं प्रेरित करती है.
बीएसएफ डे की बधाई
4. सीमा पर हमारी रक्षा में तैनात देश के शूरवीर योद्धाओं को,
सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं.
5. सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस पर
सभी जवानों और उनके परिजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान की महावीर चक्र के बहादुर प्राप्तकर्ता के रूप में एक समृद्ध विरासत है. 1990 में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के दौरान, बीएसएफ ने इसे पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब तक फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.