Basant Panchami 2021 Messages in Hindi: आज (16 फरवरी 2021) देश भर में बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पावन त्योहार मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी को बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि इस दिन से मौसम सुहाना होने लगता है. बसंत पंचमी से खेतों में पीली-पीली सरसों लहलहाने लगती है. वृक्षों और पौधों में फिर से नई कलियां खिलने लगती हैं. इस ऋतु में हर तरफ वातावरण मनमोहक और खुशनुमा नजर आता है. बसंत पंचमी का पर्व (Basnat Panchami Festival) हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर ज्ञान, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है.
बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के पर्व को बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है. इस अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान कर इस पर्व की खुशियां साझा करते हैं. आप भी बसंत पंचमी पर इन मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और एचडी इमेजेस को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- पीले-पीले सरसों के फूल, पीली उड़ी पतंग,
रंग बरसे पीले और छाए सरसों की उमंग,
जीवन में आपके रहे हमेशा बसंत के ये रंग,
आपके जीवन में बनी रहे खुशियों की तरंग.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
2- सर्दी को तुम दे दो विदाई, बसंत की अब ऋतु है आई,
फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई,
बागों में बहार है आई, भंवरों की गुंजन है लाई,
उड़ रही है पतंग हवा में जैसे तितली यौवन में आई,
देखो अब बसंत है आई, देखो अब बसंत है आई...
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
3- जीवन का यह बसंत,
आप सबको खुशियां दे अनंत,
प्रेम और उत्साह का,
भर दे जीवन में रंग...
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
4- बहारों में बहार बसंत,
मीठा मौसम मीठी उमंग,
रंग-बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग,
तुम साथ हो तो है इस जिंदगी का और ही रंग.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
5- हल्के-हल्के से हो बादल,
खुला-खुला सा आकाश,
मिल कर उड़ाएं खुशियों की पतंग,
आओ फैलाएं अमन का पैगाम.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
विद्वानों का मानना है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से भक्तों को बुद्धि, विद्या और कला का वरदान मिलता है. इस दिन पंचांग देखे बगैर किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है. वहीं इस दिन छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी कराया जाता है, यानी उन्हें पहली बार किताब और कलम पकड़ाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश और मां सरस्वती के साथ वाद्य यंत्रों और पुस्तकों की पूजा करने का भी विधान है.