इस्लामी धर्म के अनुसार ईद-मिलाद-उन-नबी पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. मुस्लिम समाज के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण एवं पवित्र दिन होता है, क्योंकि यह पवित्र पैगंबर की शिक्षा, दया और करुणा की याद दिलाता है. इस पर्व को ईद-ए-मिलाद, नबी दिवस, मावलिद, मुहम्मद अथवा पैगंबर के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है. आइये जानते हैं इस वर्ष साल 2024 में ईद मिलाद-उन-नबी पर्व कब और कैसे मनाया जाएगा, तथा इस्लाम धर्म के मानने वालों के लिए यह पर्व क्या मायने रखता है.
कब है ईद मिलाद उन नबी?
मिलाद उन नबी का पर्व इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 15 अथवा 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. (चांद दिखने पर निर्भर करता है) यह भी पढ़ें : Ganesh Chaturthi 2024 Sanskrit Shlokas: गणेश चतुर्थी पर इन संस्कृत Quotes, WhatsApp Wishes, Facebook Messages को भेजकर दें बधाई
ईद मिलाद उन नबी का धार्मिक महत्व
ईद मिलाद-उन-नबी का त्यौहार पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. मुसलमानों के लिए यह पर्व आध्यात्मिक महत्व रखता है.
पैगंबर मुहम्मद की सालगिरह: यह पर्व मुसलमानों को न केवल पैगंबर मोहम्मद की सालगिरह, बल्कि उनके द्वारा प्रेषित शिक्षाओं एवं उनसे जुड़े संस्मरणों की याद दिलाता है.
धार्मिक शिक्षा एवं जागरूकता: ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर, धार्मिक प्रवचन, किरआत और धार्मिक संगीत का आयोजन किया जाता है. यह मुसलमानों को धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने और जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है.
एकता एकता भाईचारा: इस दिन मुस्लिम समुदाय में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती है. सामूहिक आयोजनों और सामुदायिक गतिविधियों में लोग एक दूसरे से मिलते हैं.
धार्मिक उत्सव: मुसलमानों के लिए यह खुशी का दिन होता है, जिसमें वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के अनुसार उत्सव मनाते हैं, जिसमें प्रार्थना एवं भजनों का आयोजन किया जाता है.
मिलाद उन नबी सेलिब्रेशन
मिलाद उन नबी सेलिब्रेशन विभिन्न समुदायों और देशों में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होती हैं.
* इस दिन मस्जिदों में विशेष नमाज़ें (सलात) पढ़ी जाती हैं और दुआएं की जाती हैं.
* मस्जिदों एवं विभिन्न धार्मिक संस्थानों में प्रोफेट मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की जिंदगी और उनके उपदेशों पर खुतबा (धार्मिक उपदेश) दिए जाते हैं.
* बहुत-सी जगहों पर कव्वालियों का समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें प्रोफेट मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की प्रशंसा की जाती है.
* इस रात तमाम जगहों पर विशेष दावतों का आयोजन किया जाता है, जहां परिवार और मित्र एक जगह एकत्र होते हैं, और साथ भोजन शेयर करते हैं.
* इस अवसर पर सामर्थ्यवान लोग गरीबों और जरूरतमंदों को खैरात बांटते हैं.
* विभिन्न मंचों पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें शायरी एवं धार्मिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं.