मानसून की फुहारें तपती गर्मी से राहत तो दिलाती हैं, लेकिन इन फुहारों के साथ तमाम तरह के संक्रमण भी फैलते है, जिनके कारण त्वचा, आंखें समेत कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मानसून में बरसाती पानी में तमाम रोगाणु होते हैं. जो पसीने और जाने-अनजाने की गई लापरवाहियों के कारण आँखों की तमाम समस्याओं का कारण बनते हैं. मानसून के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस, स्टाई, फंगल संक्रमण और एलर्जी जैसे आंखों के संक्रमण एक अच्छे खासे इंसान को भी परेशान करते हैं. इस संदर्भ में गुड़गांव की नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर पारुल यहां मानसून से उत्पन्न आंखों की तमाम समस्याओं और उसके समाधान के बारे में बता रही हैं..
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण
कंजंक्टिवाइटिस के सामान्य लक्षण
आंखों का लाल या गुलाबी दिखनाः कंजंक्टिवा (आंख के सफेद भाग और पलकों के अंदर की परत) में रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जिसकी वजह से आंखें लाल अथवा गुलाबी दिखती हैं. यह भी पढ़ें : Hariyali Amavasya 2025: शिव-गौरी पूजा, दान और वृक्षारोपण का पावन पर्व है हरियाली अमावस्या? जानें इसका महत्व, मुहूर्त, पूजा विधि इत्यादि!
आंखों में खुजली अथवा जलन: यह कंजंक्टिवाइटिस के आम लक्षणों में एक है, जो एलर्जी या संक्रमण के कारण हो सकता है.
आंखों से पानी या अत्यधिक स्राव होना: आंखों से स्राव के पानी का रंग पीला या हरा हो सकता है, जो संक्रमण का मुख्य कारण होता है.
आंखों में किरकिरी सा लगना: इन लक्षणों के तहत ऐसा लगता है, मानों आंखों के धूल या कुछ घुस गया है.
पलकों में सूजन: पलकों में सूजन, या फूला हुआ सा महसूस हो सकता है.
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता: कंजंक्टिवाइटिस के कारण तेज रोशनी में देखने में दिक्कत हो सकती है.
आंखों में धुंधलापन: इलाज और देखभाल के साथ ही यह समस्या जल्दी दूर हो सकती है, लेकिन यह धुंधलापन बना रहता है तो किसी योग्य नेत्र चिकित्सक की सलाह लें.
कंजंक्टिवाइटिस के प्राथमिक उपचार
कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति में प्राथमिक उपचार के तहत आंखों को स्वच्छ रखें, गरम या ठंडे पानी से सिकाई करें, इससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. लेकिन अगर यह लक्षण 8 से 10 दिन में नहीं सुधरता तो आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेने में ही समझदारी है.
* आंखों की स्वच्छता का ध्यान रखें: स्वच्छ कॉटन के कपड़े या रुई के फाहे से आंखों को धीरे-धीरे साफ करें. एक बार में एक ही आंख साफ करें, दूसरी आंख की सफाई दूसरे कपड़े से करें, मगर एक बार पुनः हाथ धोना ना भूलें. आंखों को रगड़ें नहीं.
* गर्म या ठंडी सिकाई करें: गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर पलकों पर जमा स्राव साफ करें. ठंडी सिकाई से खुजली और सूजन में राहत मिलती है.
* संक्रमण को फैलने से रोकें: जब भी आंखों की सफाई या सिकाई करनी है तो उससे पहले हाथ अवश्य धो लें. चाहे दिन में कितनी बार भी हाथ धोना पड़े.
* मरीज की इन चीजों का साझा ना करेः मरीज का रुमाल, तौलिया, तकिया अथवा कपड़े किसी के साथ साझा करने से बचें.
अगर डेढ़-दो सप्ताह में आंखों में सुधार नहीं होता है, तो तत्काल किसी नेत्र विशेषज्ञ स मिलें. डॉक्टर की सलाह के बिना आंखो में को ड्रॉप ना डालें.













QuickLY