Chandra Grahan July 2020: आज यानी 5 जुलाई 2020 को साल का तीसरा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगा है, जो कि एक उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) है और इस खगोलीय घटना का नजारा भारत में दिखाई नहीं दे रहा है. भारत में ग्रहण न दिखाई देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं माना गया है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार उपछाया चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को ग्रहण नहीं माना जाता है, इसलिए ग्रहण काल के दौरान पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों को किए जाने पर कोई पाबंदी नहीं है. यह ग्रहण गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर धुन राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में लगा है. गुरु पूर्णिमा के दिन उपछाया चंद्र ग्रहण लगा है, इसलिए इसे धनुर्धारी चंद्र ग्रहण भी कहा जा रहा है.
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसे लोग ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिए देख सकते हैं. जबकि यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका इस खगोलीय घटना का साक्षी बना है. इस चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता है, लेकिन भारत में इसे विभिन्न यूट्यूब चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकता है. Slooh और Virtual Telescope चैनल के लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है.
चंद्र ग्रहण तिथि और समय
ग्रहण आरंभ- 5 जुलाई 2020 की सुबह 08.37 बजे से,
ग्रहण समाप्त- 5 जुलाई 2020 को सुबह 11.22 बजे तक.
परमग्रास- 5 जुलाई 2020 को सुबह 09:59 बजे.
कुल अवधि- 2 घंटे 45 मिनट.
विज्ञान चंद्र ग्रहण को एक सामान्य खगोलीय घटना मानता है, लेकिन ज्योतिषिय मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक राशियों पर ग्रहण का कुछ न कुछ प्रभाव जरूर पड़ता है. ग्रहण के दौरान चंद्रमा धनु राशि में मौजूद है, इसलिए इस राशि के लोगों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है. चलिए जानते हैं किन राशियों पर पड़ेगा ग्रहण का कैसा प्रभाव? यह भी पढ़ें: Chandra Grahan July 2020: साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को, जानें गुरु पूर्णिमा पर लग रहे उपछाया ग्रहण के बारे में सब कुछ
राशियों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
मेष- इस राशि पर ग्रहण का प्रभाव सबसे कम होगा, लेकिन बेवजह विवाद में पड़ने से बचें. आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी.
वृषभ- इस राशि वालों के लिए ग्रहण सामान्य रहेगा, लेकिन प्यार के रिश्ते में तनाव उत्पन्न हो सकता है. आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.
मिथुन- इस राशि पर चंद्र ग्रहण लगा है, इसलिए इसका नकारात्मक प्रभाव इस राशि के जातकों पर पड़ सकता है. वाद-विवाद से बचें, स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
कर्क- इस राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ फलदायी होगा. शत्रु परास्त होंगे, आत्मविश्वास बढ़ेगा और रूके हुए काम पूरे होंगे.
सिंह- इस राशि वालों के लिए ग्रहण भारी रहेगा. नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि यह समय आर्थिक निवेश के लिए अच्छा नहीं है.
कन्या- इस राशि के जातकों को पैसों से जुड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. खान-पान को लेकर सतर्क रहें, सेहत का ख्याल रखें.
तुला- इस राशि के जातकों के लिए ग्रहण मध्यम फलदायी होगा, लेकिन अपने गुस्से पर काबू रखें, वरना आपका ही नुकसान हो सकता है. बिगड़े काम बनने की संभावना है.
वृश्चिक- इस राशि के जातकों पर ग्रहण का गहरा प्रभाव पड़ सकता है. मान-सम्मान में कमी आ सकती है, परिवार में क्लेश का माहौल बन सकता है. अपनी सेहत का खास तौर पर ख्याल रखें.
धनु- इस राशि पर ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है. चोट लगने के आसार बन रहे हैं और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है. छोटे भाई-बहनों से संबंध खराब हो सकते हैं. पैसों के मामले में सतर्कता बरतें. यह भी पढ़ें: Solar/Lunar Eclipse in Year 2020: साल 2020 में लगेंगे कुल 6 ग्रहण, जानें चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की तिथियां
मकर- इस राशि वालों के स्वास्थ्य पर ग्रहण का प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए बाहर का खाना खाने से बचें और अपने मन को शांत रखने के साथ-साथ सेहत का ख्याल रखें.
कुंभ- इस राशि के जातकों को नौकरी में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है. पेट से जुड़ी दिक्कतें आपको परेशान कर सकती हैं और शत्रु आपको परेशान करने कोशिश कर सकते हैं.
मीन- इस राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का मिला-जुला असर देखने को मिल सकता है. हालांकि आपकी आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव की स्थिति आ सकती है, लेकिन धार्मिक कार्यों में आपका रुझान बढ़ सकता है.
गौरतलब है कि जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो उससे चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से ढंक जाता है, इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं. ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, जबकि अंग्रेजी में इसे पेनुब्रा कहते हैं. इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया अंब्रा में प्रवेश करता है, लेकिन ऐसा तभी होता है जब वास्तविक ग्रहण होता है. कई बार ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश किए बिना अंब्रा में प्रवेश कर निकल जाता है, जिससे चंद्रमा का बिंब धुंधला दिखाई देता है, जिसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है.