10 years of Narendra Modi's Prime Ministership 2024: नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्रित्व काल के 10 साल और 10 फैसले!
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साल 2014 में नरेंद्र दामोदर मोदी ने पहली बार भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया था. उनसे पूर्व 5 ऐसे नेता चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, मोरारजी देसाई, एचडी देवगौड़ा और नरसिम्हा राव थे, जिन्हें मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला था, लेकिन नरेंद्र मोदी ऐसे अकेले शख्स हैं, जो अपने दम पर न केवल लोकसभा चुनाव जीतकर दो बार प्रधानमंत्री बने, बल्कि बतौर प्रधानमंत्री अपना 10 साल का कार्यकाल भी पूरा किया. नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. अपने कार्यकाल के 10 अहम वर्षों में मोदी ने 10 अहम फैसले भी लिए. आइये जानते हैं क्या थे उनके 10 साहस भरे फैसले

स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Movement)

‘स्वच्छ भारत अभियान’ या ‘स्वच्छ भारत मिशन’ मोदी सरकार के सबसे अहम फैसलों में एक था, जिसका मुख्य उद्देश्य खुले में शौच की बुरी प्रथा को खत्म कर ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन प्रणाली में आवश्यक सुधार करना था. प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीजी की जयंती 2 अक्टूबर 2014 को यह फैसला लिया था. यह भी पढ़ें : Uttarakhand Hemkund Sahib: चमोली के हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, रोजाना 3,500 लोग कर सकते है दर्शन -Video

सर्जिकल स्ट्राइक

मोदी सरकार ने 18 सितंबर 2016 को कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के अचानक हमले में भारतीय सेना के 16 सैनिक शहीद हुए थे. इसके 10 दिनों के भीतर यानी 28 सितंबर 2016 को 25 कमांडो नें आतंकियों के घर में घुसकर 40 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया. उनके सभी आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिया.

नोटबंदी (Demonetisation)

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार के नोटों वापस लेने की घोषणा करते हुए संपूर्ण देश को चौंका दिया था. मोदी ने इसके पीछे तीन उद्देश्य गिनाए थे काले धन से निपटना, भ्रष्टाचार से लड़ना और आतंकी फंडिंग पर नकेल कसना. अर्थ विशेषज्ञों में कुछ ने इसे मोदी की सफल राजनीति बताया तो कुछ ने विफल कहा. हालांकि नोटबंदी के इस फैसले ने पाकिस्तान, नेपाल और बांगला देश के उन लोगों को खून के आंसू रुलाया, जो नकली भारतीय करेंसी के कारोबार में लिप्त थे.

वस्तु एवं सेवा कर (GST)

17 सालों तक काम में रहने के बाद 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया. अप्रत्यक्ष कर सुधार ने केंद्र और राज्यों द्वारा लगाये कई करों की जगह ले ली. राज्यों को जीएसटी ( विभिन्न राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए 5 साल तक मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.

तीन तलाक (Triple Talaq)

1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद सदन में पूर्ण बहुमत के दम पर तीन तलाक बिल पारित किया था. इस फैसले से उन मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली थी, जिन्हें पतियों ने महज तीन बार तलाक तलाक तलाक कहकर रिश्ता खत्म करने के लिए मजबूर किया था.

अनुच्छेद 370 हटाना (Removal of Article 370)

मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 (A) को रद्द कर दिया, जिससे जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था, इसके अधिवास नियमों को परिभाषित करने का आदेश दिया. तत्पश्चात केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया. मोदी के अनुसार, ऐतिहासिक फैसले के बाद क्षेत्र में अभूतपूर्व शांति और प्रगति देखी गई. यद्यपि कई राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध किया, कुछ ने धमकी दी, जिन्हें नजरबंद कर दिया गया. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में महीनों तक इंटरनेट बंद रहा.

बालाकोट एयर स्ट्राइक

14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों के एक जत्थे ने पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर कायराना हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. इस हमले के 12वें दिन 26 फरवरी 2019 को रात करीब 3 बजे भारतीय वायुसेना के के 12 Mirage-2000 फाइटर जेट्स पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर अनगिनत बम बरसाए. उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया. इस अभियान में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, उन्हें पाकिस्तानी सेना ने बंदी भी बनाया था, मगर भारत के दबाव से पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया था.

बैंकों का विलय

मोदी सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की. इस कदम का उद्देश्य बढ़ती गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) से राहत और उपभोक्ताओं को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना था. विलय किए गए बैंकों में यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक शामिल हैं.

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)

सरकार ने 10 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया. इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए बिना दस्तावेज वाले गैर मुस्लिमों सिख, हिंदू, बौद्ध, पारसी और ईसाई प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए है. सीएए के नियम जारी होने के बाद अब मोदी सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी.

टेलीकॉम सेक्टर को राहत

नकदी की कमी से जूझ रहे दूरसंचार क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए, सरकार ने 2021 में सेवा प्रदाताओं के लिए बड़े पैमाने पर राहत पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें वैधानिक बकाया के भुगतान पर चार साल की रोक और स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति शामिल है.