लखनऊ, 4 मार्च : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Sarkar) को राज्य में रोजगार के मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (CMIE) ने राज्य में बेरोजगारी की दर और उससे जुड़े आंकड़ों पर हाल ही में रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक इस साल फरवरी में बेरोजगारी की दर घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ गई है. पिछले साल कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते राज्य में बेरोजगारी की दर 21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. उसी समय राजस्थान में यह दर 25 प्रतिशत से अधिक थी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से पहले बेरोजगारी दर 17.5 प्रतिशत थी. इसके बाद 2020 की शुरूआत में राज्य सरकार इसे 10 प्रतिशत तक लाने में कामयाब रही, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद के लॉकडाउन ने सरकार के सामने एक अनोखी चुनौती खड़ी कर दी और बेरोजगारी दर बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई. यह भी पढ़ें : Bomb Scare at Taj Mahal: आगरा के ताजमहल के पास बम रखे जाने की सूचना, पर्यटकों को बाहर निकालने सहित सर्च ऑपरेशन जारी
सहगल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एमएसएमई क्षेत्र में कई कदम उठाए गए. इस क्षेत्र को नौकरी देने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता है. साथ ही वैश्विक दिग्गज भी निवेश के लिए राज्य की ओर आकर्षित होना शुरू हुए. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासियों को होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए प्रवासी आयोग की स्थापना भी की थी. इन सभी उपायों की मदद से राज्य को 2020 में 21 प्रतिशत पर पहुंची बेरोजगारी दर को 4.1 प्रतिशत तक लाने की उपलब्धि हासिल हुई. इसके अलावा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानि कि व्यापार करने में आसानी देने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. साथ ही इसकी जीएसडीपी भी महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे नंबर पर है.